भारत में जनगणना 2021: जातिगत आंकड़ों के साथ नई शुरुआत

भारत में जनगणना 2021 की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है, जिसमें जातिगत आंकड़ों को भी शामिल किया जाएगा। यह जनगणना दो चरणों में होगी, पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से और दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से शुरू होगा। जानें जनगणना की प्रक्रिया, इसमें पूछे जाने वाले सवाल और इसके महत्व के बारे में।
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भारत में जनगणना 2021: जातिगत आंकड़ों के साथ नई शुरुआत

भारत में जनगणना का ऐलान

नेशनल डेस्क। भारत में अंतिम बार जनगणना 2011 में हुई थी। 2021 में इसकी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब मोदी सरकार ने इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। इस बार जनगणना में जातिगत आंकड़ों को भी शामिल किया जाएगा, जो एक महत्वपूर्ण बदलाव है।


कोरोना महामारी के कारण 2021 में जनगणना को टालना पड़ा था, लेकिन अब नई तिथियों की घोषणा की गई है।


जनगणना की प्रक्रिया

जनगणना के लिए सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है, जो निर्धारित क्षेत्रों में जाकर लोगों से जानकारी इकट्ठा करते हैं। इन कर्मचारियों को जनगणना के लिए विशेष पहचान पत्र प्रदान किया जाता है, और यदि किसी को संदेह हो, तो वे उनसे आधिकारिक पहचान पत्र दिखाने के लिए कह सकते हैं।


जनगणना का कार्य दो चरणों में किया जाता है:



  1. हाउसिंग (Housing): इसमें घर से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं, जैसे कि बिजली, पेयजल, शौचालय की उपलब्धता और संपत्ति से जुड़ी जानकारी।

  2. नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) का फॉर्म: यह दूसरा फॉर्म है जिसमें घर के सदस्यों से जुड़े व्यक्तिगत सवाल पूछे जाते हैं।


जनगणना में पूछे जाने वाले सवाल

एनपीआर फॉर्म में आमतौर पर 29 सवाल होते हैं, जिनमें शामिल हैं:



  • लिंग, माता का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि

  • वैवाहिक स्थिति, शादी के समय उम्र

  • धर्म, संप्रदाय, अनुसूचित जाति या जनजाति से संबंध

  • दिव्यांगता की स्थिति

  • मातृभाषा और अन्य भाषाओं का ज्ञान

  • साक्षरता की स्थिति, मौजूदा शैक्षणिक स्थिति, उच्चतम शिक्षा

  • बीते साल का रोजगार, आर्थिक गतिविधि की श्रेणी, रोजगार का प्रकार, उद्योग की प्रकृति


इस बार जाति आधारित जनगणना भी शामिल होगी, जिसका मुख्य प्रभाव ओबीसी वर्ग पर पड़ेगा।


जनगणना की तिथियाँ

भारत में जनगणना का कार्य दो चरणों में संपन्न होगा:



  1. पहला चरण: 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा, जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जनगणना की जाएगी।

  2. दूसरा चरण: 1 मार्च 2027 से शुरू होगा, जिसमें मैदानी क्षेत्रों में जनगणना की जाएगी।


यह जनगणना देश के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, विशेषकर जातिगत आंकड़ों के माध्यम से विभिन्न वर्गों के लिए नीतियों के निर्माण में मदद मिलेगी।