भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख का ऐलान, संभावित उम्मीदवारों की चर्चा शुरू

नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा
नई दिल्ली: भारत के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव की तिथि निर्धारित कर दी गई है। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को बताया कि उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा। यह चुनाव वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 22 जुलाई को इस्तीफा देने के कारण आवश्यक हो गया है।
चुनाव की प्रक्रिया का कार्यक्रम
निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कार्यक्रम की जानकारी दी है:
- अधिसूचना जारी होने की तिथि: 7 अगस्त
- नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि: 21 अगस्त
- नामांकन पत्रों की जांच: 22 अगस्त
- उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तिथि: 25 अगस्त
- मतदान की तारीख (यदि आवश्यक हो): 9 सितंबर (सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक)
- परिणाम की घोषणा: 9 सितंबर (मतदान के दिन ही)
संभावित उम्मीदवारों की सूची
उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा शुरू हो गई है। कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
- नीतीश कुमार (बिहार के मुख्यमंत्री): इनका नाम सबसे अधिक चर्चा में है।
- मनोज सिन्हा (जम्मू-कश्मीर के एलजी): बीजेपी के वरिष्ठ नेता।
- रविशंकर प्रसाद (बीजेपी नेता): बीजेपी के एक और प्रमुख चेहरा।
बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए, यह संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी जनता दल (यूनाइटेड) को यह प्रस्ताव दे सकती है, जिससे जातिगत समीकरण को साधने का प्रयास होगा।
बीजेपी की रणनीति: जातिगत और राजनीतिक संतुलन
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी उपराष्ट्रपति और अध्यक्ष दोनों पदों के लिए ऐसे उम्मीदवार की तलाश कर रही है जो राजनीतिक और जातिगत समीकरण में भी उपयुक्त हो। पार्टी अगस्त के अंत तक नए उपराष्ट्रपति का चुनाव करने की योजना बना रही है।
यदि बीजेपी उपराष्ट्रपति पद पर सवर्ण वर्ग के किसी व्यक्ति को नियुक्त करती है, तो अध्यक्ष पद के लिए दलित या ओबीसी वर्ग से किसी को चुना जा सकता है।
2022 का उदाहरण और वर्तमान चुनौतियाँ
साल 2022 में द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी थीं। उसी वर्ष जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति बने थे, जिनकी पहचान किसान पुत्र के रूप में थी। यह माना गया था कि इसका उद्देश्य 2020-21 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में शामिल जाट किसानों के बीच स्थिति को सुधारना था।
रिपोर्टों के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बीजेपी से होगा, लेकिन नाम पर अंतिम सहमति एनडीए दलों के साथ बातचीत के बाद ही होगी।
भाजपा अध्यक्ष पद पर भी विचार
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि भाजपा अध्यक्ष का नाम संघ और भाजपा के बीच सहमति न बनने के कारण विलंबित हो रहा है। संघ एक ‘मजबूत संगठन नेता’ की तलाश में है। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले भाजपा अध्यक्ष के लिए भी विचार कर सकते हैं, और इस मुद्दे को आरएसएस नेतृत्व के साथ उठाया जाएगा।
भाजपा ने दो ओबीसी मंत्रियों का नाम आगे बढ़ाया है, जिनमें शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव शामिल हैं। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि संघ किसी भी नाम पर सहमत नहीं है, लेकिन पीएम मोदी के हस्तक्षेप से चर्चा आगे बढ़ सकती है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय राजनीति में अगले उपराष्ट्रपति और भाजपा अध्यक्ष के रूप में कौन से चेहरे उभरते हैं।