भारत में अंगदान की स्थिति: 60,000 से अधिक मरीज किडनी ट्रांसप्लांट के इंतजार में
भारत में अंगदान की स्थिति
भारत में अंगदान की स्थिति
भारत में अंगदान करने वालों की संख्या अत्यंत कम है, लेकिन इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। धीरे-धीरे, देश में अंगदान की प्रक्रिया में सुधार हो रहा है। यह भी देखा गया है कि भारत उन देशों में से एक है जहाँ जीवित अंगदान मृत अंगदान की तुलना में अधिक होता है। वर्तमान में, किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 60,000 से अधिक मरीजों की प्रतीक्षा है, जिनमें महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक सक्रिय हैं।
पिछले पांच वर्षों में, विभिन्न अंगों के ट्रांसप्लांट के लिए आधिकारिक वेटिंग लिस्ट की जानकारी राज्यसभा में प्रस्तुत की गई थी। सरकार ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 60,000 से अधिक मरीज इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा, लिवर ट्रांसप्लांट के लिए 18,000, हर्ट ट्रांसप्लांट के लिए 1,695, लंग ट्रांसप्लांट के लिए 970 और पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट के लिए 306 मरीज प्रतीक्षा कर रहे हैं। कुल मिलाकर, 82,285 मरीज अंग ट्रांसप्लांट के लिए इंतजार कर रहे हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट के मामले में प्रमुख राज्य
केंद्र सरकार ने 8 दिसंबर 2025 तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (NOTTO) के रजिस्ट्री पोर्टल पर दर्ज मरीजों की संख्या के आधार पर जानकारी दी है। आंकड़ों के अनुसार, किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सबसे अधिक मरीज महाराष्ट्र में हैं, जहाँ 13,045 मरीजों को ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है। इसके बाद गुजरात (7,405), चंडीगढ़ (6,681), तमिलनाडु (6,448) और दिल्ली (5,894) का स्थान है।
लिवर ट्रांसप्लांट के मामले में भी महाराष्ट्र (6,924) में सबसे अधिक मरीज हैं, इसके बाद दिल्ली (2,835) का स्थान है। हर्ट ट्रांसप्लांट के लिए तमिलनाडु में 345 और महाराष्ट्र में 341 मरीज प्रतीक्षा कर रहे हैं। लंग ट्रांसप्लांट के लिए तमिलनाडु में 315 और कर्नाटक में 163 मरीज हैं।
लिवर ट्रांसप्लांट की संख्या
केंद्र सरकार ने पिछले पांच वर्षों (2020 से 2024) में 53,198 किडनी ट्रांसप्लांट की जानकारी दी है। इनमें से सबसे अधिक ट्रांसप्लांट दिल्ली (9,307) में हुए, इसके बाद तमिलनाडु (6,583) और महाराष्ट्र (5,194) का स्थान है। इसी अवधि में, 17,939 लिवर ट्रांसप्लांट हुए, जिनमें से 6,368 दिल्ली में हुए।
हर्ट ट्रांसप्लांट के मामले में, 957 ट्रांसप्लांट हुए, जिनमें से 332 तमिलनाडु में हुए। लंग ट्रांसप्लांट की संख्या 76 रही, जबकि पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट के लिए 130 मरीज थे। कुल मिलाकर, पिछले पांच वर्षों में 72,993 अंग ट्रांसप्लांट किए गए हैं, जबकि 82,285 मरीज अभी भी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
वेटिंग लिस्ट में मरने वाले मरीज
सरकार ने कॉर्नियल ट्रांसप्लांट के बारे में बताया कि 2020-21 से 2024-25 के बीच कुल 1,37,761 कॉर्नियल ट्रांसप्लांट किए गए। तमिलनाडु में 16,353, तेलंगाना में 15,335, कर्नाटक में 11,092 और महाराष्ट्र में 11,081 लोगों का कॉर्नियल ट्रांसप्लांट हुआ।
पिछले पांच वर्षों में वेटिंग लिस्ट में रहते हुए लगभग 3,000 मरीजों की मृत्यु हो गई। दिल्ली में सबसे अधिक 1,425 मरीजों की ट्रांसप्लांट के इंतजार में मृत्यु हुई, इसके बाद महाराष्ट्र (297) और तमिलनाडु (233) का स्थान है। उत्तर प्रदेश में 150 मरीजों की मृत्यु हुई।
सरकार ने बताया कि 2020 से 2024 के बीच रजिस्टर्ड ऑर्गन डोनर्स की संख्या 65,000 से अधिक रही। कुल 65,488 डोनर्स में से 4,071 की मृत्यु हो गई, जबकि 61,417 जीवित हैं। 2020 में डोनर्स की संख्या 6,812 थी, जो 2021 में बढ़कर 11,198 हो गई। 2022 में यह संख्या 14,300 और 2023 में 16,542 हो गई। 2024 में रजिस्टर्ड डोनर्स की संख्या 16,636 थी।
महिलाओं की अंगदान में बढ़ती रुचि
एक अध्ययन में यह पाया गया है कि महिलाओं ने मरने के बाद अंगदान करने की इच्छा अधिक दिखाई है। हालांकि, अंग पाने वालों में पुरुषों की संख्या अधिक है। यह जानकारी 2024 में जमा किए गए भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस आवेदनों के विश्लेषण से प्राप्त हुई, जिसमें पूछा गया था कि क्या लोग मरने पर अपने अंग या टिशू दान करने के लिए तैयार हैं।
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में भी अंगदान करने वाले पुरुषों की संख्या महिलाओं की तुलना में कम है। यहाँ महिलाओं में अंगदान की इच्छा 17% से 21% के बीच रही, जबकि पुरुषों की संख्या 12% से 19% के बीच थी। दिल्ली में महिलाओं में यह इच्छा 27% और पुरुषों में 16% थी। ओडिशा में पुरुषों की संख्या देश के औसत से अधिक थी, जहाँ 20% लोग अंगदान करना चाहते थे, जबकि 22% महिलाएं भी इसी इच्छा का प्रदर्शन कर रही थीं.
