भारत में GST 2.0 सुधार: नई कर प्रणाली के लाभ और बदलाव

GST 2.0 का परिचय
भारत में GST 2.0 सुधार एक महत्वपूर्ण नए चरण की शुरुआत कर रहा है। यह नया GST प्रणाली 22 सितंबर 2025 से लागू होगा, जो त्योहारों के मौसम से पहले का समय है। यह 2017 में GST के पहले लागू होने के बाद से सबसे बड़ा बदलाव है।
पुरानी प्रणाली की जटिलताएँ
पहले, GST संरचना में चार कर स्लैब थे—5%, 12%, 18%, और 28%—जिससे कराधान प्रणाली जटिल और प्रबंधित करने में कठिन हो गई थी। व्यवसायों को रोजमर्रा की वस्तुओं पर असमान मूल्य निर्धारण का सामना करना पड़ता था, जिससे एक सरल कर प्रणाली की आवश्यकता महसूस हुई।
नए GST सुधार के मुख्य बिंदु
नए GST सुधार में केवल तीन कर स्लैब होंगे, जिससे जटिलता कम करने और आवश्यक श्रेणियों में उपभोक्ता लागत को घटाने का लक्ष्य है। यहाँ सभी बदलावों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है।
GST सुधारों की तालिका
वस्तुएँ | पहले | अब |
दैनिक आवश्यकताएँ | ||
हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, टॉयलेट साबुन | 18% | 5% |
घी, पैक्ड नमकीन, फीडिंग बॉटल | 12% | 5% |
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम | 18% | 5% |
चिकित्सीय ऑक्सीजन, ग्लूकोमीटर | 12% | 5% |
शिक्षा | ||
मैप्स, चार्ट्स, पेंसिल, कागज | 12% | 0% |
कृषि के लिए लाभकारी | ||
ट्रैक्टर, जैव कीटनाशक | 18% 12% |
5% |
इलेक्ट्रॉनिक्स | ||
मॉनिटर्स और प्रोजेक्टर्स | 28% | 18% |
एयर कंडीशनर | 28% | 18% |
ऑटोमोबाइल | ||
पेट्रोल और डीजल कारें | 28% | 18% |
पुरानी प्रणाली की आवश्यकता
अब तक, GST चार स्लैब में विभाजित था। GST परिषद ने देखा कि 18% स्लैब से राजस्व का दो-तिहाई हिस्सा आता है। इसके विपरीत, 12% स्लैब से सबसे कम राजस्व प्राप्त हुआ। इस असंतुलन को देखते हुए, परिषद ने 12% और 28% स्लैब को हटाने का निर्णय लिया।
व्यवसायों के लिए लाभ
पुरानी प्रणाली में पंजीकरण के लिए कम सीमा थी। अब नए GST प्रणाली के तहत, पंजीकरण की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे कई छोटे व्यापारी और सेवा प्रदाता छूट प्राप्त करेंगे। इसके अलावा, व्यवसाय मालिकों को बेहतर दक्षता, बेहतर लॉजिस्टिक्स, और कम अनुपालन आवश्यकताओं का लाभ मिलेगा।