भारत में 2026 में औसत वेतन में वृद्धि की उम्मीद

एओन की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 2026 में औसत वेतन में वृद्धि होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार, औसत वेतन वृद्धि 9% तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि रियल एस्टेट और NBFC क्षेत्रों में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिल सकती है। कंपनियां अब स्थिर प्रतिभा पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिससे नौकरी के बाजार में स्थिरता आने की उम्मीद है। जानें और क्या कहती है यह रिपोर्ट।
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भारत में 2026 में औसत वेतन में वृद्धि की उम्मीद

भारत में औसत वेतन वृद्धि का अनुमान

भारत में 2026 में औसत वेतन में वृद्धि की उम्मीद

नई दिल्ली| भारत में 2026 में औसत वेतन में वृद्धि होने की संभावना है। यह जानकारी ब्रिटिश-अमेरिकी कंपनी एओन की वार्षिक रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में औसत वेतन वृद्धि 8.9% रही, जो अब बढ़कर 9% होने का अनुमान है।

एओन ने बताया कि वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, जिसका श्रेय घरेलू खपत, निवेश और नीतिगत सुधारों को दिया गया है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) में वेतन वृद्धि सबसे अधिक होने की संभावना है। इसके अलावा, ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग डिजाइन, रिटेल और लाइफ साइंसेज क्षेत्रों में भी अच्छी सैलरी वृद्धि देखने को मिल सकती है।

कंपनियां स्थिर प्रतिभा पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। एओन के रूपांक चौधरी, पार्टनर और टैलेंट सॉल्यूशंस हेड ने कहा कि, “रियल एस्टेट और NBFC क्षेत्र प्रतिभा निवेश में आगे हैं। कंपनियां अब सैलरी संरचना को रणनीतिक रूप से डिजाइन कर रही हैं ताकि विकास और स्थिरता दोनों बनी रहें।”

रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में एट्रिशन रेट यानी कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर घटकर 17.1% रह गई है, जो 2024 में 17.7% और 2023 में 18.7% थी। इसका मतलब है कि कंपनियां अब कर्मचारियों को लंबे समय तक बनाए रखने में सफल हो रही हैं।

एओन के एसोसिएट पार्टनर अमित कुमार ओटवानी ने कहा कि, “हालिया टैक्स सुधारों और नीतिगत बदलावों से भारत का बिजनेस माहौल बेहतर हुआ है। यदि कंपनियां अपनी पे-स्ट्रैटेजी को इन बदलावों के साथ जोड़ती हैं, तो उन्हें बेहतर प्रतिभा आकर्षित करने में मदद मिलेगी।”

इस प्रकार, रिपोर्ट यह दर्शाती है कि भारत की सैलरी वृद्धि की गति अभी भी कई देशों से आगे है। आने वाले वर्षों में कंपनियां स्किल डेवलपमेंट और प्रतिभा बनाए रखने पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगी, जिससे नौकरी के बाजार में स्थिरता आने की उम्मीद है।