भारत-मध्य एशिया संवाद: सुरक्षा और सहयोग पर जोर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में चौथे भारत-मध्य एशिया संवाद की अध्यक्षता की, जिसमें भारत की मध्य एशियाई देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दोहराया गया। इस संवाद में कनेक्टिविटी, सुरक्षा और तकनीकी सहयोग पर विशेष ध्यान दिया गया। कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के शीर्ष राजनयिकों ने भाग लिया। जयशंकर ने आतंकवादी हमले की निंदा करने वाले मध्य एशियाई भागीदारों के प्रति भारत की सराहना व्यक्त की। इस संवाद से भारत-मध्य एशिया साझेदारी को और अधिक मजबूत करने की उम्मीद जताई गई है।
Jun 6, 2025, 18:23 IST
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भारत-मध्य एशिया संवाद की अध्यक्षता
दिल्ली में चौथे भारत-मध्य एशिया संवाद की अध्यक्षता करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की मध्य एशियाई देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। इस संवाद में कनेक्टिविटी, सुरक्षा और तकनीकी सहयोग पर विशेष ध्यान दिया गया। कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के शीर्ष राजनयिकों ने इस सत्र में भाग लिया, जो साझा क्षेत्रीय चुनौतियों और अवसरों का सामना करने के लिए एकजुटता को दर्शाता है।
बैठक के बाद की प्रतिक्रियाएँ
बैठक के बाद, जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें इस संवाद की अध्यक्षता करते हुए खुशी हुई। उन्होंने अपने मध्य एशियाई सहयोगियों को उनके विचारों और आकलनों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करने वाले मध्य एशियाई भागीदारों के प्रति भारत की सराहना व्यक्त की। इस दौरान संपर्क, क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, प्रौद्योगिकी सहयोग, विकास साझेदारी और लोगों के बीच आदान-प्रदान पर व्यापक चर्चा हुई। जयशंकर ने विश्वास व्यक्त किया कि इस संवाद से भारत-मध्य एशिया साझेदारी और भी मजबूत होगी।
एकता और सहयोग का संदेश
अपने प्रारंभिक भाषण में, जयशंकर ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद एकजुटता दिखाने के लिए मध्य एशियाई देशों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह एकता भारत और उसके क्षेत्रीय भागीदारों के बीच आपसी विश्वास को दर्शाती है।