भारत बंद: 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का आह्वान, 25 करोड़ मज़दूरों की भागीदारी की उम्मीद
9 जुलाई, 2025 को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने किसानों और ग्रामीण श्रमिकों के साथ मिलकर एक व्यापक हड़ताल का आह्वान किया है, जिसे 'भारत बंद' कहा जा रहा है। इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार की नीतियों का विरोध करना है, जिन्हें यूनियनें श्रमिक विरोधी मानती हैं। आयोजकों का मानना है कि इस हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक श्रमिक भाग लेंगे। जानें इस हड़ताल के पीछे के कारण, शामिल ट्रेड यूनियनें, और इससे प्रभावित होने वाले क्षेत्र।
Jul 8, 2025, 11:58 IST
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भारत बंद का आह्वान
9 जुलाई, 2025 को, 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने किसानों और ग्रामीण श्रमिक संगठनों के साथ मिलकर एक व्यापक हड़ताल का आह्वान किया है। इस विरोध प्रदर्शन को "भारत बंद" के नाम से जाना जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार की नीतियों का विरोध करना है, जिन्हें यूनियनें कॉर्पोरेट समर्थक और श्रमिक विरोधी मानती हैं। आयोजकों को उम्मीद है कि इस हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक श्रमिक भाग लेंगे, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के किसान और खेतिहर श्रमिक भी शामिल होंगे।
हड़ताल की तैयारी
10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगियों ने 9 जुलाई को आम हड़ताल या 'भारत बंद' का आह्वान किया है। एक बयान में, उन्होंने श्रमिकों से इस हड़ताल को "एक बड़ी सफलता" बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों में यूनियनों द्वारा तैयारियाँ चल रही हैं।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की अमरजीत कौर ने बताया कि इस हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक श्रमिकों के शामिल होने की संभावना है। किसान और ग्रामीण श्रमिक भी इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे। मजदूर संघ ने हाल ही में श्रम मंत्री को 17 सूत्री मांगों का एक चार्टर सौंपा था।
भारत बंद का कारण
यूनियनों के मंच ने आरोप लगाया है कि सरकार पिछले 10 वर्षों से वार्षिक श्रम सम्मेलन आयोजित नहीं कर रही है और श्रमिकों के हितों के खिलाफ निर्णय ले रही है। उन्होंने सामूहिक सौदेबाजी को कमजोर करने और श्रमिकों के अधिकारों को सीमित करने के लिए चार श्रम संहिताएँ लागू करने का प्रयास किया है।
मंच ने यह भी कहा कि सरकार ने कल्याणकारी राज्य के दर्जे को त्याग दिया है और विदेशी तथा भारतीय कॉर्पोरेट्स के हित में काम कर रही है।
हड़ताल में शामिल ट्रेड यूनियनें
इस हड़ताल में शामिल प्रमुख राष्ट्रीय निकाय हैं:
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC)
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
हिंद मजदूर सभा (HMS)
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU)
ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC)
ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC)
सेल्फ एम्प्लॉयड वूमन्स एसोसिएशन (SEWA)
ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU)
लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF)
यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC)
हड़ताल का प्रभाव
9 जुलाई को भारत बंद के दौरान कई क्षेत्रों पर असर पड़ने की उम्मीद है, जैसे कि बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ, डाक विभाग, कोयला खनन, और राज्य परिवहन सेवाएँ।
हिंद मजदूर सभा के हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में मजबूत भागीदारी देखने को मिलेगी।
बैंकिंग क्षेत्र की भागीदारी
बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने घोषणा की है कि बैंकिंग क्षेत्र भी भारत बंद में शामिल होगा। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) से जुड़े बंगाल प्रांतीय बैंक कर्मचारी संघ ने बताया कि बीमा क्षेत्र भी हड़ताल में भाग लेगा।
बिजली आपूर्ति पर असर
9 जुलाई को देश में बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, क्योंकि 27 लाख से अधिक बिजली कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल होंगे।
हालांकि, बैंकों और सरकारी कार्यालयों द्वारा कोई आधिकारिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है, लेकिन सेवाओं में बाधा आने की संभावना है।
स्कूल और कॉलेजों की स्थिति
हिंद मजदूर सभा के हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा कि हड़ताल के कारण बैंकिंग, डाक, कोयला खनन, और राज्य परिवहन सेवाएँ प्रभावित होंगी।