भारत-पाकिस्तान वार्ता के लिए आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई की आवश्यकता: शशि थरूर

शशि थरूर ने हाल ही में कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को अपनी धरती पर आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी होगी। उन्होंने इस्लामाबाद के साथ संवाद में शालीनता और शांति के लिए एक सामान्य दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। थरूर ने पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि वे निर्दोष हैं, तो आतंकवादियों को सुरक्षित आश्रय क्यों देते हैं। उनका मानना है कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाता है, तो भारत बातचीत के लिए तैयार है।
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भारत-पाकिस्तान वार्ता के लिए आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई की आवश्यकता: शशि थरूर

शशि थरूर का बयान

शशि थरूर ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के साथ संवाद स्थापित कर सकता है, बशर्ते वह अपनी भूमि पर मौजूद आतंकवादी ढांचे के खिलाफ ठोस कदम उठाए। कांग्रेस के सांसद, पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में, पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने के मुद्दे को वैश्विक स्तर पर उठाने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद के साथ बातचीत में समस्या एक सामान्य भाषा खोजने की नहीं है, बल्कि शालीनता और शांति के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करने की है।


थरूर ने संयुक्त राष्ट्र में लश्कर-ए-तैयबा के समर्थन में 'प्रतिरोधक मोर्चे' को बचाने में चीन की भूमिका की आलोचना करते हुए कहा, 'हम समय-समय पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति को रिपोर्ट करते रहे हैं। जब भारत ने सुरक्षा परिषद में अपने सहयोगियों को इस मुद्दे पर प्रेस वक्तव्य में प्रतिरोध मोर्चे का उल्लेख करने के लिए प्रेरित किया, तब भी हमने इस पर रिपोर्ट दी।'


पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल

थरूर ने कहा कि हम अपने वार्ताकारों से यही पूछते हैं। यदि पाकिस्तान इतना निर्दोष है जितना वे दावा करते हैं, तो वे वांछित आतंकवादियों को सुरक्षित आश्रय क्यों देते हैं? वे शांति से क्यों रह पाते हैं, प्रशिक्षण शिविर क्यों संचालित कर पाते हैं, और लोगों को कट्टरपंथी क्यों बना पाते हैं? उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाता है, तो भारत उसके साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। 'आपको अपने देश में आतंकवाद के इस बुनियादी ढांचे को समाप्त करना होगा, जो हर जगह मौजूद है। तब हम बात कर सकते हैं।'


संवाद की संभावनाएं

थरूर ने कहा कि हम उनसे हिंदी, पंजाबी या अंग्रेजी में बात कर सकते हैं। पाकिस्तान के साथ एक साझा आधार खोजने में कोई समस्या नहीं है। असली समस्या शालीनता और शांति के लिए एक साझा दृष्टिकोण खोजने की है। हम शांति और विकास की कामना करते हैं, लेकिन वे हमें अकेला नहीं छोड़ना चाहते और हमें परेशान करना चाहते हैं।