भारत-पाकिस्तान तनाव: भारतीय सेना के प्रमुख का बयान
भारतीय सेना का साहस और पाकिस्तान की चिंता
माउंटेन ड्यू का प्रसिद्ध नारा है, 'डर सबको लगता है, गला सबका सूखता है।' लेकिन इस समय पाकिस्तान की स्थिति ऐसी है कि वह अपने डर को व्यक्त नहीं कर पा रहा है। भारतीय सेना की वीरता की कई कहानियाँ विश्वभर में प्रसिद्ध हैं, जबकि पाकिस्तान की सेना ने अपने इतिहास में एक भी युद्ध जीतने का रिकॉर्ड नहीं बनाया है। हाल ही में भारतीय सेना के प्रमुख ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है। उन्होंने कहा है कि भारत फिर से पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई कर सकता है, जैसा कि पहलगाम में आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में देखा गया था। उस समय पाकिस्तान को इतनी बुरी तरह हराया गया था कि उसे सीजफायर की मांग करनी पड़ी थी। जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की क्षमताओं का एक छोटा सा उदाहरण था। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन केवल 88 घंटे में समाप्त हुआ, और यह तो बस एक ट्रेलर था। अगर पाकिस्तान ने मौका दिया, तो हम उन्हें सिखाएंगे कि पड़ोसी देशों के साथ कैसे जिम्मेदारी से व्यवहार किया जाता है। 'हम हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं।'
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
इस बयान के बाद पाकिस्तान की स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि भारत फिर से पाकिस्तान पर हमला कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान भारतीय सेना के प्रमुख के बयान को नजरअंदाज नहीं कर सकता। आसिफ ने कहा कि भारत सीमा पार कार्रवाई कर सकता है। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक ट्रेलर था और अगर पाकिस्तान ने हमें मौका दिया, तो भारत उन्हें यह सिखाएगा कि एक जिम्मेदार राष्ट्र को अपने पड़ोसियों के साथ कैसे व्यवहार करना चाहिए।
आतंकवाद और बातचीत का मुद्दा
ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी कार्यक्रम में यह भी कहा कि अफगानिस्तान में घुसपैठ होती है और भारत इसमें शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, चीन और अन्य देश पाकिस्तान में सीमा पार घुसपैठ को रोकने के लिए प्रयासरत हैं। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी स्थिति में भारत पर भरोसा नहीं कर सकता और भारत सीमा पार हमले की कोशिश कर सकता है। दरअसल, आर्मी चीफ द्विवेदी ने अपने बयान में स्पष्ट किया था कि भारत का रुख स्पष्ट है: 'खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते। बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। जो लोग आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, हम उन्हें जवाब देंगे।' भले ही हमारे पास कोई 'बेजान पत्र' हो, हम जानते हैं कि वह कहां से आया है।
