भारत-पाकिस्तान जासूसी मामले में ATS की कार्रवाई: रवि वर्मा की गिरफ्तारी

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते सुरक्षा एजेंसियां उच्च सतर्कता पर हैं। हाल ही में, कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जो पाकिस्तान को भारतीय खुफिया जानकारी लीक करने के आरोप में पकड़े गए हैं। हाल ही में, एटीएस ने मुंबई से ठाणे के इंजीनियर रवि वर्मा को गिरफ्तार किया, जो पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था। एटीएस ने उससे लगभग 5 घंटे तक गहन पूछताछ की, जिसमें महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त होने की सूचना है.
जासूसी नेटवर्क का खुलासा
पूछताछ के दौरान यह पता चला कि रवि वर्मा के संपर्क में एक अन्य युवक भी था, जो पाकिस्तानी एजेंटों के लिए काम कर रहा था। एटीएस अब इस दूसरे जासूस की खोज में जुटी हुई है। रवि और उसके साथी को पाकिस्तानी पीआईओ एजेंट ने हनी ट्रैप के जरिए फंसाया था। जांच एजेंसियों को संदेह है कि इन दोनों ने मुंबई, ठाणे और रायगढ़ के महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी, फोटो और वीडियो प्राप्त किए हैं.
फंडिंग और बैंक लेनदेन की जांच
एटीएस ने रवि वर्मा से महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने के लिए लगभग 2 घंटे तक पूछताछ की, जो कि एटीएस मुख्यालय, बावला कंपाउंड (मुंबई) में की गई। एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि रवि को पाकिस्तान से जासूसी के लिए कितने पैसे मिले हैं और संदिग्ध फंडिंग के स्रोत की भी जांच की जा रही है.
डिजिटल फॉरेंसिक जांच
एटीएस ने ठाणे के कलवा क्षेत्र में रवि वर्मा के किराए के मकान पर भी कार्रवाई की। पुलिस ने वहां छापेमारी की और मकान मालिक से पूछताछ की। इसके अलावा, डिजिटल फॉरेंसिक टीम रवि के लैपटॉप, मोबाइल और अन्य उपकरणों की गहन जांच कर रही है। क्लाउड डेटा और ईमेल संचार भी स्कैन किए जा रहे हैं.
नेवी कनेक्शन की जांच
रवि वर्मा के नेवी से जुड़े दोस्तों और परिचितों से भी पूछताछ की गई है। अब तक 5 लोगों से जानकारी ली जा चुकी है। एटीएस ने रक्षा मंत्रालय को इस मामले की रिपोर्ट भी भेजी है। सूत्रों के अनुसार, वर्मा किसी संदिग्ध नेटवर्क के संपर्क में था, जो भारत-विरोधी गतिविधियों में संलग्न था. इस मामले में और गिरफ्तारियों की संभावना है.