भारत-पाकिस्तान के बीच छाया युद्ध: सैन्य अभ्यास और तनाव की स्थिति

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव के बाद, दोनों देशों के बीच छाया युद्ध जारी है। हाल ही में जारी NOTAM से स्पष्ट होता है कि दोनों देश सैन्य तैयारियों में लगे हुए हैं। भारत की वायुसेना जुलाई में महत्वपूर्ण हवाई युद्धाभ्यास करने जा रही है, जबकि पाकिस्तान भी अपनी सैन्य गतिविधियों को बनाए रखे हुए है। यह स्थिति दर्शाती है कि सीमा पर भले ही शांति हो, लेकिन तनाव और कूटनीति का खेल जारी है। जानें इस छाया युद्ध के पीछे की रणनीतियाँ और संभावित परिणाम।
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भारत-पाकिस्तान के बीच छाया युद्ध: सैन्य अभ्यास और तनाव की स्थिति

भारत और पाकिस्तान के बीच छाया युद्ध की स्थिति

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच 7 से 10 मई के दौरान हुए सैन्य टकराव के बाद, भले ही युद्ध विराम लागू हो गया हो, लेकिन दोनों देशों के बीच 'छाया युद्ध' या Shadow Boxing जारी है। हालिया संकेत इस बात के हैं कि दोनों देशों ने अपने सीमावर्ती हवाई क्षेत्र को सैन्य अभ्यासों के लिए सुरक्षित रखने की घोषणाएं की हैं। दोनों देशों ने अपने-अपने NOTAM (Notice to Airmen) जारी किए हैं, जो दर्शाता है कि सैन्य तैयारियां जारी हैं।




भारतीय वायुसेना की South Western Air Command 23 से 25 जुलाई के बीच राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण हवाई युद्धाभ्यास करने की योजना बना रही है। यह क्षेत्र पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित है। भारत की यह गतिविधि स्पष्ट रूप से यह संदेश देती है कि उसकी सुरक्षा तैयारियां किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।




इसके जवाब में, पाकिस्तान ने भी 22-23 जुलाई के लिए अपने मध्य और दक्षिणी हिस्सों के लिए NOTAM जारी किया है। यह स्पष्ट करता है कि पाकिस्तान भी सैन्य गतिविधियों और तैयारियों में पीछे नहीं रहना चाहता। दोनों देशों के बीच इस तनावपूर्ण माहौल में सतर्कता और शक्ति प्रदर्शन की नीति बरकरार है।




याद दिलाते चलें कि 7 मई को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और POK (पाक अधिकृत कश्मीर) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे। इस कार्रवाई का उद्देश्य केवल आतंकी ढांचे को नष्ट करना था, न कि पाकिस्तान की संप्रभुता पर हमला करना।




हालांकि, पाकिस्तान ने इसे आक्रामकता के रूप में लिया और जवाबी कार्रवाई में ड्रोन और मिसाइलों के माध्यम से भारत के एयरबेस, सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कम से कम 9 एयरबेस और 3 रडार साइट्स को सफलतापूर्वक निशाना बनाया, जिनमें कुछ परमाणु प्रतिष्ठानों और कमांड एंड कंट्रोल ढांचे के निकट थे।




इन हमलों में भारत ने Su-30MKI, राफेल और मिराज-2000 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों का उपयोग किया, साथ ही BrahMos, Crystal Maze-2, Rampage और Scalp जैसी आधुनिक मिसाइलों का भी प्रयोग किया। भारतीय हमलों की विशेषता यह रही कि हर हमला सटीक, लक्षित और योजनाबद्ध था।




दूसरी ओर, दोनों देशों के सैन्य अभ्यास यह दर्शाते हैं कि मई के संघर्ष के बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई है। भारत अपनी आक्रामक सैन्य क्षमताओं को प्रदर्शित कर रहा है, जबकि पाकिस्तान भी अपनी सैन्य सक्रियता को कम नहीं दिखाना चाहता।




यह छाया युद्ध केवल सैन्य रणनीति तक सीमित नहीं है। भारत इन अभ्यासों के माध्यम से पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट संदेश दे रहा है कि यदि आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वह फिर से ऐसी ही सैन्य कार्यवाहियों में संकोच नहीं करेगा। वहीं, पाकिस्तान अपनी आंतरिक अस्थिरता और आर्थिक संकट के बावजूद यह दिखाना चाहता है कि वह सैन्य दृष्टि से कमजोर नहीं है।




अंततः, भारत और पाकिस्तान के बीच यह छाया युद्ध दर्शाता है कि सीमा पर भले ही बंदूकें कुछ समय के लिए शांत हो जाएं, लेकिन कूटनीति और सैन्य तैयारी के स्तर पर तनाव बना हुआ है। भारत अपने आतंकवाद विरोधी रुख और सैन्य श्रेष्ठता को दोहराने में पीछे नहीं हट रहा है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच यह शक्ति प्रदर्शन का खेल जारी रहेगा, जिसमें कूटनीति और सैन्य रणनीति दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।