भारत ने यूक्रेन संघर्ष पर अमेरिका-रूस वार्ता का स्वागत किया

भारत ने 15 अगस्त को अलास्का में अमेरिका और रूस के बीच होने वाली बैठक का स्वागत किया है, जो यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। विदेश मंत्रालय ने इस बैठक को शांति की संभावनाओं के लिए महत्वपूर्ण बताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस वार्ता के महत्व को रेखांकित किया है, जिसमें वे राष्ट्रपति पुतिन से मिलेंगे। ट्रंप ने कहा कि वे एक समझौते के करीब हैं और कुछ क्षेत्रों के आदान-प्रदान की संभावना पर चर्चा करेंगे।
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भारत ने यूक्रेन संघर्ष पर अमेरिका-रूस वार्ता का स्वागत किया

यूक्रेन संघर्ष पर महत्वपूर्ण बैठक

भारत के विदेश मंत्रालय ने 15 अगस्त को अलास्का में अमेरिका और रूस के बीच होने वाली बैठक का स्वागत किया है, जो यूक्रेन युद्ध पर केंद्रित होगी। मंत्रालय का मानना है कि यह बैठक यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और शांति की संभावनाओं को खोलने में मदद कर सकती है।


प्रधानमंत्री मोदी के विचार

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह बैठक यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने की संभावना को दर्शाती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कथन का उल्लेख किया कि 'यह युद्ध का युग नहीं है।'


ट्रंप की घोषणा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को घोषणा की कि वह 15 अगस्त 2025 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अलास्का में मिलेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते को स्थापित करना है।


वार्ता की प्रगति

व्हाइट हाउस में आर्मेनिया-आज़ेरबाइजान शांति समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान ट्रंप ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर प्रगति के संकेत दिए। जब उनसे पूछा गया कि वार्ता कितनी आगे बढ़ी है, तो उन्होंने कहा, 'हम एक समझौते के बहुत करीब हैं।'


भविष्य की योजनाएँ

ट्रंप ने कहा कि वह जल्द ही राष्ट्रपति पुतिन से मिलेंगे और कुछ क्षेत्रों का आदान-प्रदान करने की संभावना पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, 'यह बहुत जटिल है, लेकिन हम कुछ क्षेत्रों को वापस लाने जा रहे हैं।'