भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक मोर्चा मजबूत किया

भारत की कूटनीतिक पहल
ऑपरेशन सिंदूर के सफल समापन के बाद, भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के आतंकवादियों के साथ संबंधों को उजागर करने का कार्य तेज कर दिया है। इस दिशा में, भारत के सात प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़े नेटवर्क को बेनकाब कर रहे हैं।
शांगरी-ला-डायलॉग 2025 में भागीदारी
इस बीच, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला-डायलॉग 2025 में शामिल होने पहुंचे हैं। यह संवाद दुनिया के प्रमुख रक्षा मंचों में से एक माना जाता है, जिसमें 40 से अधिक देशों के सैन्य अधिकारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा चुनौतियों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
सीडीएस का संबोधन
सीडीएस अनिल चौहान ने सिंगापुर में अपने संबोधन में कहा कि अब भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर हमारी रणनीति स्पष्ट है। उन्होंने बताया कि जब भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी, तब पाकिस्तान कई क्षेत्रों में हमसे आगे था, लेकिन आज भारत ने सामाजिक, आर्थिक और मानव विकास के सभी मोर्चों पर प्रगति की है। यह सब दीर्घकालिक रणनीति का परिणाम है।
कूटनीतिक संबंधों पर विचार
उन्होंने यह भी कहा कि हमने 2014 की तरह कूटनीतिक प्रयास किए हैं, जब प्रधानमंत्री ने नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था। लेकिन, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि हमें केवल दुश्मनी मिलती है, तो अलगाव एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
भू-राजनीतिक स्थिति
अनिल चौहान ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भू-राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि चीन के साथ तनाव के कारण उत्तर की ओर बढ़ना संभव नहीं है, और म्यांमार में अस्थिरता के चलते पूर्व की ओर भी नहीं बढ़ सकते। इसलिए, समुद्र ही हमारा एकमात्र मार्ग है।
स्वदेशी हथियारों की प्रगति
सीडीएस ने स्वदेशी हथियार प्रणालियों के बारे में बात करते हुए कहा कि हमने आकाश मिसाइल प्रणाली जैसे स्वदेशी प्लेटफार्मों का सफलतापूर्वक उपयोग किया है। इसके अलावा, हमने विदेशी विक्रेताओं पर निर्भरता कम करते हुए वायु रक्षा के लिए अपना खुद का नेटवर्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है। आत्मनिर्भरता की दिशा में हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं।