भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में सैनिकों की वीरता को मान्यता दी

सैन्य अभियानों में वीरता का सम्मान
भारत सरकार ने देश के प्रमुख सैन्य अभियानों में शामिल सैनिकों के साहस और बलिदान को आधिकारिक रूप से मान्यता दी है। हाल ही में जारी एक राजपत्र अधिसूचना में, सरकार ने भारतीय सेना और वायु सेना के सदस्यों को दिए गए वीरता पुरस्कारों का विवरण साझा किया है, जिससे ऑपरेशन के उद्देश्यों और सामने आए खतरों का सामना करते हुए दिखाई गई असाधारण बहादुरी के बारे में नई जानकारी प्राप्त हुई है.
ऑपरेशन सिंदूर का परिचय
ऑपरेशन सिंदूर, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की सीधी सैन्य प्रतिक्रिया थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। यह मिशन 7 मई की तड़के शुरू हुआ, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी और सैन्य ठिकानों पर हमले किए।
वीर चक्र से सम्मानित अधिकारी
ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए छह प्रतिष्ठित अधिकारियों को वीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
कर्नल कोषांक लांबा, 302 मीडियम रेजिमेंट (भारतीय सेना):
कर्नल लांबा को 'निर्दोष नेतृत्व' और 'असाधारण वीरता' के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया। उन्होंने अल्प सूचना पर 'विशेष उपकरण बैटरी की पहली हवाई लामबंदी' को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
लेफ्टिनेंट कर्नल सुशील बिष्ट, 1988 (स्वतंत्र) मीडियम बैटरी (भारतीय सेना):
लेफ्टिनेंट कर्नल बिष्ट ने इस मिशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें दुश्मन के सामने अदम्य साहस और दृढ़ नेतृत्व के लिए सम्मानित किया गया है।
ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिद्धू, फ्लाइंग (पायलट) (भारतीय वायु सेना):
ग्रुप कैप्टन सिद्धू को महत्वपूर्ण स्ट्राइक मिशनों के लिए चुना गया था। उन्हें 'असाधारण वीरता और साहस' के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी, फ्लाइंग (पायलट) (भारतीय वायु सेना):
ग्रुप कैप्टन पाटनी ने 'असाधारण नेतृत्व' का परिचय दिया और उनके मार्गदर्शन ने शत्रुओं की क्षमताओं पर निर्णायक प्रहार किया।
स्क्वाड्रन लीडर रिज़वान मलिक, फ्लाइंग (पायलट) (भारतीय वायु सेना):
स्क्वाड्रन लीडर मलिक ने बिना किसी सुरक्षा के एक हमले का नेतृत्व किया।
स्क्वाड्रन लीडर सिद्धांत सिंह, फ्लाइंग (पायलट) (भारतीय वायु सेना):
स्क्वाड्रन लीडर सिंह को एक पूर्वनिर्धारित लक्ष्य पर हमले के लिए तीन विमानों की संरचना का कार्य सौंपा गया था।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद-रोधी कार्रवाई का नया युग
भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। यह एक महत्वपूर्ण क्षण था, जो रक्षात्मक रुख से आगे बढ़कर विदेशी प्रायोजित खतरों को सक्रिय रूप से समाप्त करने की दिशा में था।
इस अभियान का नाम पहलगाम पीड़ितों की विधवाओं को श्रद्धांजलि स्वरूप 'सिंदूर' रखा गया। 22 मिनट में, सटीक हमलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया।