भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया: सेना प्रमुख

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, नागरिकों को नहीं। उन्होंने कहा कि यह अभियान सिद्धांतों और तकनीकी क्षमताओं के संयोजन से सफल रहा। जनरल द्विवेदी ने यह भी उल्लेख किया कि कार्रवाई के दौरान निर्दोष नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाने का ध्यान रखा गया। जानें इस ऑपरेशन की पूरी कहानी और इसके पीछे के उद्देश्य।
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भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया: सेना प्रमुख

सेना प्रमुख का बयान

सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सिद्धांतों और तकनीकी क्षमताओं का संयोजन करते हुए लड़ाई लड़ी, जिसमें पाकिस्तान के नागरिक या सैन्य ठिकानों को लक्षित नहीं किया गया।


मध्यप्रदेश के रीवा जिले में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जनरल द्विवेदी ने बताया कि भारत ने केवल आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में, भारत ने छह और सात मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया।


इन हमलों के परिणामस्वरूप चार दिनों तक तीव्र झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैनिक कार्रवाई रोकने की सहमति के साथ समाप्त हुईं। थल सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा क्योंकि हमने अपने सिद्धांतों और तकनीकी क्षमताओं का उपयोग किया। हमने यह सुनिश्चित किया कि पाकिस्तान में किसी भी निर्दोष नागरिक को नुकसान न पहुंचे। हमारा लक्ष्य केवल आतंकवादियों और उनके आकाओं को निशाना बनाना था।’’


उन्होंने यह भी कहा कि सभी नागरिकों को 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए। जनरल द्विवेदी ने अपने पुराने स्कूल, रीवा सैनिक स्कूल में एक सभा को भी संबोधित किया।


उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेनाओं ने यह सुनिश्चित किया कि जब प्रार्थना या नमाज अदा की जा रही हो, तब कोई कार्रवाई न की जाए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन स्थानों पर हमला किया जहां आतंकवादी मौजूद थे। हमने निर्दोष नागरिकों या रक्षा ठिकानों को लक्षित नहीं किया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हमने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया और पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि हम उनके जैसे नहीं हैं।