भारत ने आतंकवाद के खिलाफ खींची नई लक्ष्मण रेखा: जनरल अनिल चौहान

जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवाद के खिलाफ एक नई लक्ष्मण रेखा खींची है। उन्होंने इस सैन्य कार्रवाई के परिणामों और भारत-पाकिस्तान संबंधों में रणनीतिक स्थिरता पर चर्चा की। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए इस ऑपरेशन ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया था। जानें इस ऑपरेशन के बारे में और जनरल चौहान के विचारों को इस लेख में।
 | 
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ खींची नई लक्ष्मण रेखा: जनरल अनिल चौहान

भारत की नई सैन्य रणनीति

जनरल अनिल चौहान, जो कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष हैं, ने शनिवार को बताया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ एक नई लक्ष्मण रेखा खींची है। उन्होंने यह भी कहा कि इस सैन्य कार्रवाई से हमारे दुश्मनों को कुछ महत्वपूर्ण सबक सीखने को मिला होगा।


शांगरी-ला डायलॉग में बयान

‘शांगरी-ला डायलॉग’ के एक कार्यक्रम में, जनरल चौहान ने हालिया ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान संबंधों में रणनीतिक स्थिरता पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है और उम्मीद जताई कि पाकिस्तान इसे समझेगा।


ऑपरेशन सिंदूर का विवरण

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की गई। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर हमले किए गए। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।


भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष

भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष ने दोनों देशों को एक व्यापक संघर्ष के कगार पर ला खड़ा किया। हालांकि, 10 मई को संघर्ष विराम के लिए सहमति बनने के बाद हमले रोक दिए गए।


भविष्य की रक्षा रणनीतियाँ

जनरल चौहान ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन के दौरान अन्य देशों की स्वदेशी प्रणालियों का भी उपयोग किया। उन्होंने यह भी बताया कि हम 300 किलोमीटर तक की हवाई सुरक्षा को सटीकता से भेदने में सक्षम थे।


रक्षा नवाचार पर सेमिनार

जनरल चौहान ने एशिया के एक प्रमुख शिखर सम्मेलन शांगरी-ला डायलॉग में कई अन्य रक्षा प्रमुखों के साथ भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक नई लक्ष्मण रेखा खींची है और यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह भारत की सहनशीलता की सीमा है।


रक्षा खरीद प्रक्रियाओं में सुधार

सीडीएस ने कहा कि हम रक्षा खरीद प्रक्रियाओं को सरल बना रहे हैं ताकि भविष्य की तकनीक के साथ मौजूदा समय का युद्ध लड़ा जा सके।