भारत ने अफगानिस्तान को भूकंप राहत सामग्री भेजी, जयशंकर ने की विदेश मंत्री से बातचीत

भारत ने हाल ही में अफगानिस्तान को भूकंप के बाद 16 टन राहत सामग्री भेजी है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अफगान विदेश मंत्री से बातचीत कर भूकंप से हुए नुकसान पर संवेदना व्यक्त की। इस सहायता से अफगानिस्तान के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। जानें, भारत की इस मानवीय पहल के बारे में और क्या कदम उठाए गए हैं।
 | 
भारत ने अफगानिस्तान को भूकंप राहत सामग्री भेजी, जयशंकर ने की विदेश मंत्री से बातचीत

भारत की मानवीय सहायता

भारत ने अफगानिस्तान को भूकंप राहत सामग्री भेजी, जयशंकर ने की विदेश मंत्री से बातचीत

एस. जयशंकर और अफगान विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्ताकी

अफगानिस्तान में हाल ही में आए भूकंप के कारण स्थिति गंभीर हो गई है। इस संकट के बीच, भारत ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान की है, जिसमें लगभग 16 टन राहत सामग्री शामिल है। इस दौरान, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अफगान विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्ताकी से फोन पर बातचीत की और भूकंप से हुए नुकसान पर संवेदना व्यक्त की। पाकिस्तान के साथ चल रही तनातनी के बीच, भारत की सहायता अफगानिस्तान के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि भारत ने भूकंप प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री भेजी है और जल्द ही दवाओं की और खेप भी भेजी जाएगी। उन्होंने भारत और अफगानिस्तान के बीच संबंधों में सुधार की भी सराहना की।

16 टन दवाइयां और डायग्नोस्टिक किट भेजी

भारत ने अफगानिस्तान को भूकंप के बाद लगातार सहायता प्रदान की है। हाल ही में, 16 टन दवाइयां और डायग्नोस्टिक किट भेजी गई हैं, जो तालिबान के जन स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी गई हैं। यह सहायता अफगानिस्तान के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती प्रदान करेगी।

भारत की निरंतर सहायता

अफगानिस्तान में भूकंप के बाद, भारत ने अक्टूबर में भी राहत सामग्री भेजी थी, जिसमें जल शोधन उपकरण, प्रोटीन पाउडर, टिन की चादरें, स्लीपिंग बैग, स्वच्छता किट, जल भंडारण टैंक, जनरेटर सेट, पारिवारिक टेंट, कंबल और आवश्यक दवाइयां शामिल थीं। इससे पहले, सितंबर में 21 टन राहत सामग्री हवाई मार्ग से भेजी गई थी।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी है, और भारत की सहायता अफगानिस्तान के लिए राहत का स्रोत बन रही है। भारत का कहना है कि जो देश मित्रता रखते हैं, उन्हें कठिन समय में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। अफगानिस्तान की सहायता का यह सिलसिला जारी रहेगा।