भारत ने अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल रेल आधारित परीक्षण किया
भारत ने आज अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जो सामरिक क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह परीक्षण रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से किया गया, जिससे मिसाइल की तैनाती में लचीलापन बढ़ा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे अद्वितीय प्रयास बताया है, जो भारत की सामरिक रोकथाम क्षमता को नई ऊँचाई पर ले जाता है। इस तकनीक से संभावित विरोधियों के लिए भारत की मिसाइल तैनाती को अनुमान लगाना कठिन हो जाता है। यह परीक्षण भारत की रक्षा दृष्टि और तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
Sep 25, 2025, 12:34 IST
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भारत की सामरिक क्षमताओं में नई उपलब्धि
भारत ने आज अपनी रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और सामरिक बल कमान (SFC) ने मिलकर रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह पहली बार है जब किसी विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हुए भारतीय रेलवे नेटवर्क से इस तरह का प्रक्षेपण किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे "पहली बार का अद्वितीय प्रयास" बताते हुए कहा कि इस तकनीक ने भारत की सामरिक रोकथाम क्षमता को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है।
अग्नि-प्राइम मिसाइल की नई तकनीक
अग्नि-प्राइम मिसाइल, जिसे पहले समुद्र और ज़मीन आधारित मोबाइल लॉन्चरों से परीक्षण किया गया था, अब रेल आधारित लॉन्चर के साथ और भी अधिक लचीली हो गई है। इस नई तकनीक के माध्यम से मिसाइल को बिना किसी विशेष पूर्व-शर्त के रेलवे नेटवर्क पर आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है। इससे त्वरित प्रतिक्रिया समय सुनिश्चित होता है और प्रक्षेपण स्थल की दृश्यता भी न्यूनतम रहती है।
भारत की सामरिक रणनीति में बदलाव
इस तकनीक के माध्यम से संभावित विरोधियों के लिए भारत की मिसाइल तैनाती को अनुमान लगाना कठिन हो जाता है। रेल नेटवर्क की व्यापकता भारत को यह क्षमता देती है कि वह देश के विभिन्न हिस्सों से अप्रत्याशित रूप से मिसाइल प्रक्षेपण कर सके। यह किसी भी प्रतिद्वंद्वी के लिए एक गंभीर रणनीतिक चुनौती है। यह परीक्षण अगस्त में ओडिशा के चांदीपुर से सफल प्रक्षेपण के बाद हुआ है। इससे पहले मार्च 2024 में ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के अंतर्गत अग्नि-5 का परीक्षण किया गया था, जिसमें MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) तकनीक का प्रदर्शन हुआ।
MIRV तकनीक और सामरिक शक्ति
वर्तमान में सामरिक बल कमान केवल एक-वारहेड वाली मिसाइलों का संचालन करता है, लेकिन MIRV क्षमता के साथ भारत की सामरिक शक्ति और विश्वसनीयता कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे परिदृश्य में अग्नि-प्राइम का रेल आधारित प्रक्षेपण भारत की सामरिक श्रृंखला को और भी बहुआयामी बना देता है।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की स्थिति
वैश्विक स्तर पर, केवल कुछ देशों ने रेल आधारित या कैनिस्टराइज़्ड मोबाइल लॉन्च सिस्टम विकसित किए हैं। भारत का इस क्षेत्र में प्रवेश न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत अपनी सामरिक क्षमताओं को किसी एक माध्यम पर निर्भर नहीं रखना चाहता। यह बहु-स्तरीय सुरक्षा दृष्टिकोण भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के संदर्भ में और भी मजबूत बनाता है।
भारत की सामरिक सोच का प्रतिबिंब
अग्नि-प्राइम का यह नवीनतम परीक्षण केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत की सामरिक सोच का भी प्रतीक है। रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर भारत को "छिपे हुए लेकिन तैयार" रहने की रणनीति प्रदान करता है, जिससे विरोधी किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में भारत की प्रतिक्रिया क्षमता का अनुमान नहीं लगा सकते।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, इस परीक्षण ने भारत की सामरिक रोकथाम क्षमता को नए आयाम दिए हैं। यह न केवल आत्मनिर्भर भारत की रक्षा दृष्टि को साकार करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि भारत अपनी सुरक्षा के मामले में किसी समझौते के लिए तैयार नहीं है।