भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया, सामरिक क्षमताओं में वृद्धि

अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण
भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं को प्रदर्शित करते हुए बुधवार को मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि-5' का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया, और मिसाइल सभी परिचालन एवं तकनीकी मानकों पर खरी उतरी। मंत्रालय ने बताया कि 'अग्नि-5' का परीक्षण 20 अगस्त को सफलतापूर्वक किया गया।
परीक्षण की विशेषताएँ
बयान में कहा गया है कि इस परीक्षण में मिसाइल ने सभी निर्धारित मानकों को पूरा किया। यह परीक्षण सामरिक बल कमान के अंतर्गत किया गया था। रक्षा सूत्रों के अनुसार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 11 मार्च 2024 को इसी परीक्षण रेंज से मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक का उपयोग करते हुए 'अग्नि-5' का सफल परीक्षण किया।
मिसाइल की क्षमताएँ
अग्नि-5 मिसाइल 1.5 टन तक का परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसे हल्के मिश्रित सामग्रियों से बनाया गया है, जिससे इसकी विश्वसनीयता और दक्षता बढ़ती है। यह MIRV तकनीक से लैस है, जो एक ही मिसाइल से कई लक्ष्यों को भेदने की क्षमता प्रदान करती है।
सटीकता और नेविगेशन
अग्नि-5 में रिंग लेज़र जाइरोस्कोप-आधारित नेविगेशन सिस्टम (RLG-INS) और माइक्रो-इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (MINGS) का उपयोग किया गया है, जो इसकी सटीकता को सुनिश्चित करता है। यह भारत के NavIC और अमेरिकी GPS जैसे उपग्रह प्रणालियों द्वारा समर्थित है।
रणनीतिक महत्व
अग्नि-5 को 2018 से भारत की सामरिक बल कमान द्वारा परिचालनात्मक रूप से तैनात किया गया है। डीआरडीओ अग्नि-5 के उन्नत संस्करणों पर काम कर रहा है, जो विशेष रूप से कठोर सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। हाल के परीक्षण ने भारत की स्वतंत्र रूप से लक्षित वारहेड तैनात करने की क्षमता को प्रदर्शित किया है।
भविष्य की दिशा
यह परीक्षण भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच हुआ है, जो भारत की निवारक क्षमताओं को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अग्नि-5 की कैनिस्टर-आधारित रोड-मोबाइल लॉन्च प्रणाली भारत को बेहतर उत्तरजीविता और त्वरित तैनाती की क्षमता प्रदान करती है।