भारत ने UNSC में पाकिस्तान की महिलाओं के अधिकारों पर उठाए सवाल

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में महिलाओं और सुरक्षा पर चर्चा के दौरान, भारत ने पाकिस्तान की महिलाओं के अधिकारों की स्थिति और ऐतिहासिक उल्लंघनों की कड़ी आलोचना की। भारत के स्थायी प्रतिनिधि परवथनेनी हरीश ने पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर पर लगाए गए आरोपों को भ्रम फैलाने वाला बताया और इसे अंतरराष्ट्रीय ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया।
भारत का स्पष्ट संदेश
हरीश ने कहा, "हमारी महिलाओं की स्थिति, शांति और सुरक्षा के संदर्भ में बेदाग है। जो देश अपने नागरिकों पर बमबारी करता है और व्यवस्थित जनसंहार करता है, वह केवल ध्यान भटकाने के लिए अतिशयोक्ति का सहारा ले सकता है।" यह टिप्पणी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हाल ही में हुए हवाई हमले में बच्चों सहित 30 लोगों की मौत के संदर्भ में थी।
1971 का ऑपरेशन सर्चलाइट
हरीश ने 1971 में हुए ऑपरेशन सर्चलाइट का भी उल्लेख किया, जिसमें पाकिस्तान की सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में बंगालियों के खिलाफ हिंसा की। इस अभियान के दौरान लाखों महिलाओं को हिरासत में लिया गया और उन पर अत्याचार किए गए। इसे पाकिस्तान के कुख्यात सैन्य कमांडर जनरल टिक्का खान ने संचालित किया, जिन्हें 'बूचर ऑफ बंगाल' के नाम से जाना जाता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर
हरीश ने कहा, "यह वही देश है जिसने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट के दौरान 4 लाख महिलाओं के खिलाफ सामूहिक बलात्कार की योजना को मंजूरी दी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के प्रचार को देख रहा है।" भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया पाकिस्तान की प्रतिनिधि साइमा सलीम द्वारा कश्मीर की महिलाओं पर लगाए गए यौन हिंसा के आरोपों के तुरंत बाद आई।