भारत ने UN में पाकिस्तान के दावों का किया खंडन

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के दावों का खंडन करते हुए कहा कि मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम की याचना की थी। भारत ने स्पष्ट किया कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के मुद्दों में किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप अस्वीकार है। गहलोत ने शरीफ के आतंकवाद पर दिए गए बयानों की आलोचना की और कहा कि भारत आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के बीच कोई भेद नहीं करेगा। इस लेख में भारत की कड़ी प्रतिक्रिया और पाकिस्तान के दावों पर चर्चा की गई है।
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भारत ने UN में पाकिस्तान के दावों का किया खंडन

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक सख्त बयान जारी करते हुए कहा है कि मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम की 'याचना' की थी। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच के मुद्दों में किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है। भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने शुक्रवार को महासभा में भारत के उत्तर देने के अधिकार का उपयोग करते हुए कहा, "आज सुबह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बेतुका बयान सुनने को मिला, जिन्होंने एक बार फिर आतंकवाद को महिमामंडित किया।"


शहबाज शरीफ का बयान

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों परमाणु-संपन्न देशों के बीच संघर्ष को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गहलोत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "इस सभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बेतुका बयान सुनने को मिला।"


आतंकवाद का महिमामंडन

शरीफ ने अपने भाषण में आतंकवाद का गुणगान किया, जो उनकी विदेश नीति का केंद्र है। उन्होंने कहा कि उनका देश भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों पर 'समग्र, व्यापक और परिणामोन्मुखी' वार्ता के लिए तैयार है।


भारत का जवाब

गहलोत ने कहा, "पाकिस्तान ने राष्ट्रपति ट्रंप के योगदान के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है।" उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 6 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया था।


युद्ध विराम पर सहमति

भारत ने यह स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी।


पाकिस्तान का बचाव

गहलोत ने कहा कि 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' को जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों के नरसंहार से बचाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, "किसी भी स्तर का नाटक और झूठ तथ्यों को नहीं छिपा सकता।"


आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति

गहलोत ने जोर देकर कहा कि आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के बीच कोई भेद नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम आतंकवाद को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं देंगे और भारत कभी भी इन धमकियों के आगे नहीं झुकेगा।"