भारत-चीन सीमा विवाद सुलझाने के लिए नए कदम उठाए जाएंगे

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का समाधान
भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने गुरुवार को जानकारी दी कि भारत और चीन के बीच सीमा विवादों को सुलझाने के लिए दो नए समूहों का गठन किया जाएगा। शू ने बताया कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी की नई दिल्ली यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 10 बिंदुओं पर सहमति बनी है। भविष्य में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस समझौते का दोनों देशों के रिश्तों पर क्या प्रभाव पड़ता है। पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने दोनों देशों के बीच बेहतर होती स्थिति पर अपनी खुशी व्यक्त की है।
पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे (सेवानिवृत्त) ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है कि भारत-चीन संबंधों में सुधार की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य स्तर पर संवाद और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। जनरल नरवणे ने एक कार्यक्रम में कहा, 'हमें उम्मीद है कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, चीन भी हमारी सद्भावना का उसी प्रकार जवाब देगा।'
भारत और चीन ने 'स्थिर, सहयोगात्मक और दीर्घकालिक' संबंधों के लिए कई कदमों की घोषणा की है, जिसमें सीमा पर शांति बनाए रखना, सीमा व्यापार को फिर से शुरू करना, निवेश प्रवाह को बढ़ावा देना और सीधी उड़ान सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करना शामिल है। जनरल नरवणे ने कहा, 'यह नहीं है कि भारत और चीन के बीच हो रहे बदलाव और बातचीत की गति किसी घटना के कारण हम पर थोपी गई है। हम हमेशा से चीन के साथ अच्छे संबंध चाहते थे।'
उन्होंने यह भी कहा कि यह अच्छी बात है कि भारत और चीन सीमा विवाद पर चर्चा को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। पूर्व सेना प्रमुख ने कहा, 'यह एक सीमा है, सरहद नहीं और सीमा की तरह, यह बातचीत के लिए खुली है... कुछ हद तक लेन-देन संभव है।' नरवणे ने कहा, 'यह अच्छी बात है कि पिछले कुछ हफ्तों में चीन के साथ हमारे संबंध बेहतर हो रहे हैं, राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य स्तरों पर कई पहलों की घोषणा की गई है ताकि आगे बढ़ने के साथ-साथ हमारे संबंध और बेहतर हो सकें।'