भारत-चीन संबंधों में सकारात्मकता बनाए रखने की अपील

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क़िंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की। इस वार्ता में उन्होंने भारत-चीन संबंधों में सकारात्मकता बनाए रखने और नई जटिलताओं से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया। सिंह ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः आरंभ होने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि दोनों देशों को आपसी विश्वास को बढ़ावा देना चाहिए। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने एक मधुबनी पेंटिंग भी भेंट की।
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भारत-चीन संबंधों में सकारात्मकता बनाए रखने की अपील

रक्षा मंत्री की चीन यात्रा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क़िंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान अपने चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की। इस वार्ता में दोनों नेताओं ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर "रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान" किया। सिंह ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः आरंभ होने पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि दोनों देशों को अपने संबंधों में सकारात्मक गति बनाए रखने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।


नयी जटिलताओं से बचने की आवश्यकता

राजनाथ सिंह ने एडमिरल डोंग जुन से कहा कि भारत और चीन को अपने द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मकता बनाए रखनी चाहिए और नई जटिलताओं से बचना चाहिए। उन्होंने चिंगदाओ में एससीओ के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान सार्थक वार्ता की। पिछले साल अक्टूबर में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध समाप्त करने के लिए सहमति बनी थी, जिसके बाद यह यात्रा हुई।


कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली

सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि चिंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने लगभग छह साल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः आरंभ होने पर खुशी व्यक्त की। सिंह ने डोंग को एक मधुबनी पेंटिंग 'ट्री ऑफ लाइफ' भी भेंट की।


संघर्ष से बचने की इच्छा

चीन की ओर से जारी बयान के अनुसार, सिंह ने डोंग के साथ बैठक में कहा कि भारत चीन के साथ संघर्ष या टकराव नहीं चाहता। वह मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाने, संवाद बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों के सतत विकास के लिए आपसी विश्वास को बढ़ावा देने के लिए इच्छुक है।


पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध

कैलाश मानसरोवर यात्रा का धार्मिक महत्व हिंदुओं, जैन और बौद्धों के लिए है। पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ, और उस वर्ष जून में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए। पिछले साल 21 अक्टूबर को हुए समझौते के तहत सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद गतिरोध समाप्त हो गया।