भारत-चीन संबंधों में नई हलचल: एस जयशंकर और शी जिनपिंग की महत्वपूर्ण मुलाकात

बीजिंग में एस जयशंकर और शी जिनपिंग की मुलाकात
बीजिंग से आई एक तस्वीर ने वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है। इसका मुख्य कारण यह है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार हुआ है। इसके अलावा, जिनपिंग एक महीने तक दुनिया की नजरों से गायब रहे थे और अब पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए हैं।
इस मुलाकात की तस्वीर महत्वपूर्ण है, क्योंकि एस जयशंकर ने जिनपिंग से हाथ मिलाया, लेकिन इस बार उनके हाथ का वजन कुछ ज्यादा था। भारत ने चीन के लिए कुछ रिटर्न गिफ्ट तैयार किए थे, जो इस मुलाकात के पहले ही तैयार कर लिए गए थे।
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भारत और चीन के बीच चल रही अघोषित कोल्ड वॉर के बीच, एस जयशंकर एससीओ बैठक में भाग लेने के लिए चीन पहुंचे थे। यहां उनकी मुलाकात शी जिनपिंग से हुई, जो पिछले एक महीने से सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे थे।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि जिनपिंग के खिलाफ तख्तापलट की योजना चल रही है, लेकिन अचानक वह सामने आए और एस जयशंकर से हाथ मिलाया। विशेषज्ञों का मानना है कि जिनपिंग की यह उपस्थिति बगावत के खत्म होने का संकेत नहीं है, बल्कि यह संभवतः खबरों को दबाने के लिए की गई एक रणनीति हो सकती है।
हालांकि, जिनपिंग का भविष्य क्या होगा, यह समय बताएगा। लेकिन एस जयशंकर और जिनपिंग की मुलाकात से पहले एक बड़ा खेल हुआ था। चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ एक बड़ा षड़यंत्र रचा था। भारत ने भी इस बार पूरी तैयारी के साथ चीन का दौरा किया।
जयशंकर ने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति शी को भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में हाल में हुई प्रगति के बारे में जानकारी दी। वह एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे थे। यह उनकी पहली यात्रा है, जो जून 2020 में गलवान घाटी में सैन्य झड़पों के बाद हुई है।
जयशंकर ने एक्स पर कहा कि उन्होंने आज सुबह बीजिंग में राष्ट्रपति शी चिनफिंग और एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में हाल में हुई प्रगति से राष्ट्रपति शी को अवगत कराया।