भारत को फिर से मिला मानवाधिकार परिषद का सदस्य पद

भारत को 2026-28 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में फिर से चुना गया है। यह चुनाव भारत की मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने सभी देशों के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। भारत ने 2006 से लगातार परिषद का सदस्य बनने का गौरव प्राप्त किया है। जानें इस चुनाव के बारे में और क्या कहा गया है।
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भारत को फिर से मिला मानवाधिकार परिषद का सदस्य पद

भारत की मानवाधिकार परिषद में पुनः सदस्यता

भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने बुधवार को जानकारी दी कि भारत को 2026-28 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में सातवीं बार चुना गया है। उन्होंने सभी देशों के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह चुनाव भारत की मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।



यूएनएचआरसी ने मंगलवार को चुनाव परिणामों की घोषणा करते हुए बताया कि भारत का तीन साल का कार्यकाल एक जनवरी, 2026 से शुरू होगा। हरीश ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सभी प्रतिनिधियों को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया।


उन्होंने कहा, "भारत को मानवाधिकार परिषद के लिए सातवीं बार चुना गया है।" यह चुनाव मानवाधिकारों के प्रति भारत की स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कुल 47 सदस्य देश होते हैं, जिन्हें महासभा में समान भौगोलिक वितरण के आधार पर तीन साल के लिए चुना जाता है।


भारत 2006 में परिषद के गठन के बाद से लगातार इसका सदस्य रहा है, सिवाय 2011, 2018 और 2025 के। पहले चुनाव में भारत को 190 में से 173 मत मिले थे, जिससे वह सबसे अधिक मतों से निर्वाचित हुआ। अब तक भारत ने 2006-2007, 2008-2010, 2012-2014, 2015-2017, 2019-2021 और 2022-2024 में सदस्यता प्राप्त की है।


यूएनएचआरसी ने यह भी बताया कि अंगोला, चिली, इक्वाडोर, मिस्र, एस्टोनिया, इराक, इटली, मॉरीशस, पाकिस्तान, स्लोवेनिया, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन और वियतनाम भी 2026 से शुरू होने वाले कार्यकाल के लिए चुने गए हैं।