भारत के सीजेआई ने न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर की विरासत को किया याद

भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर की विरासत को याद करते हुए उनके मानवाधिकारों के प्रति समर्पण और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने न्यायमूर्ति अय्यर के कानूनी करियर और उनके विचारों के महत्व को भी साझा किया, जो आज भी प्रासंगिक हैं। इस स्मृति व्याख्यान में न्यायमूर्ति अय्यर के योगदान को सराहा गया, जो गरीबों और वंचितों के अधिकारों के लिए उनकी लड़ाई को दर्शाता है।
 | 
भारत के सीजेआई ने न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर की विरासत को किया याद

न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर का योगदान

भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने रविवार को न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर द्वारा मृत्युदंड के खिलाफ लिए गए सख्त रुख को स्मरण किया।


स्मृति व्याख्यान के दौरान, उन्होंने न्यायमूर्ति अय्यर के अद्वितीय योगदान को याद किया, जो एक वकील से लेकर मंत्री और न्यायाधीश तक विभिन्न भूमिकाओं में सक्रिय रहे।


गवई ने कहा कि न्यायमूर्ति अय्यर हमेशा गरीबों और वंचितों के अधिकारों के लिए खड़े रहे, और वे मानवाधिकारों के प्रति समर्पित, सामाजिक न्याय के लिए लड़ने वाले और नागरिक स्वतंत्रता के समर्थक रहे।


उन्होंने यह भी बताया कि न्यायमूर्ति अय्यर का दृष्टिकोण जीवन के अधिकार और सामाजिक-आर्थिक अधिकारों के बीच संबंध को समझने में महत्वपूर्ण था, जो उनके मृत्युदंड समाप्त करने के विचारों के माध्यम से स्पष्ट हुआ।


गवई ने न्यायमूर्ति अय्यर के कानूनी करियर के दौरान उनके प्रभाव को भी विस्तार से साझा किया।