भारत के सर्वोच्च न्यायालय में दो नए न्यायाधीशों की नियुक्ति

भारत के सर्वोच्च न्यायालय में हाल ही में बॉम्बे और पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री ने इस निर्णय की पुष्टि की है, जिससे सर्वोच्च न्यायालय की रिक्तियाँ भर जाएँगी और यह अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर सकेगा। जानें इस प्रक्रिया और न्यायाधीशों की नियुक्ति के बारे में अधिक जानकारी।
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भारत के सर्वोच्च न्यायालय में दो नए न्यायाधीशों की नियुक्ति

न्यायाधीशों की पदोन्नति की घोषणा

केंद्रीय कानून मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपुल मनुभाई पंचोली को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है। इस निर्णय के तहत, केंद्र सरकार ने इन दोनों न्यायाधीशों को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में शामिल करने की मंजूरी दी है। 


कानून मंत्री का बयान

कानून मंत्री मेघवाल ने एक्स पर क्या कहा?

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक्स पर जानकारी दी कि भारत के संविधान के तहत राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से, (i) न्यायमूर्ति आलोक अराधे, बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और (ii) न्यायमूर्ति विपुल मनुभाई पंचोली, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त कर रहे हैं। 


सर्वोच्च न्यायालय की स्थिति

सर्वोच्च न्यायालय फिर से पूरी क्षमता से कार्य करेगा

यह ध्यान देने योग्य है कि सर्वोच्च न्यायालय में स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 34 है, लेकिन वर्तमान में केवल 32 न्यायाधीश कार्यरत हैं। अब, न्यायमूर्ति आलोक अराधे और न्यायमूर्ति विपुल पंचोली की पदोन्नति से ये रिक्तियाँ भर जाएँगी, जिससे सर्वोच्च न्यायालय अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर सकेगा।


पदोन्नति की प्रक्रिया

जानिए इन न्यायाधीशों की पदोन्नति कैसे हुई?

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति नागरत्ना की एक पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने 25 अगस्त को बैठक की। इस बैठक में बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति पंचोली के नामों की सिफारिश की गई। हालांकि, न्यायमूर्ति नागरत्ना ने न्यायमूर्ति पंचोली की पदोन्नति पर कड़ी असहमति जताई थी, जैसा कि एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है।