भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी, एक हफ्ते में 5.6 अरब डॉलर की गिरावट

भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में बताया कि 31 अक्टूबर, 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.6 अरब डॉलर घटकर 689.73 अरब डॉलर रह गया है। पिछले सप्ताह में भी भंडार में कमी आई थी। इस रिपोर्ट में विदेशी मुद्रा संपत्तियों और सोने के भंडार में गिरावट के बारे में जानकारी दी गई है। जानें इस गिरावट के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी, एक हफ्ते में 5.6 अरब डॉलर की गिरावट

विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी, एक हफ्ते में 5.6 अरब डॉलर की गिरावट

विदेशी मुद्रा भंडार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को जानकारी दी कि 31 अक्टूबर, 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.6 अरब डॉलर घटकर 689.73 अरब डॉलर रह गया। पिछले सप्ताह में भी भंडार 6.92 अरब डॉलर की कमी के साथ 695.36 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।

आरबीआई के अनुसार, 31 अक्टूबर के सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा, विदेशी मुद्रा संपत्ति, 1.9 अरब डॉलर घटकर 564.59 अरब डॉलर रह गई। इन संपत्तियों में डॉलर के मुकाबले यूरो, पाउंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्राओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव का प्रभाव भी शामिल है।

सोने के भंडार में कमी

आरबीआई ने बताया कि पिछले सप्ताह में सोने के भंडार का मूल्य 3.8 अरब डॉलर घटकर 101.72 अरब डॉलर रह गया। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में सोने का भंडार पहली बार 100 अरब डॉलर के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा था, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें बढ़ी थीं, लेकिन इसके बाद इसमें गिरावट आई। शीर्ष बैंक ने यह भी कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.9 करोड़ डॉलर घटकर 18.64 अरब डॉलर रह गया। वहीं, आंकड़ों के अनुसार, आईएमएफ में भारत की जमा की गई रिजर्व राशि 1.64 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.77 अरब डॉलर हो गई।

आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार पर लगातार नजर रखता है और आवश्यकता पड़ने पर हस्तक्षेप करता है ताकि बाजार में अनावश्यक उतार-चढ़ाव न हो। यह हस्तक्षेप रुपये की कीमत में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए किया जाता है, न कि किसी निश्चित विनिमय दर को बनाए रखने के लिए।