भारत के लिए खाड़ी देशों से आई राहत: सऊदी अरब ने घटाई तेल की कीमतें

सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको ने दिसंबर डिलीवरी के लिए कच्चे तेल की कीमतों में कटौती की है, जो भारत जैसे देशों के लिए राहत का कारण बनेगी। यह कदम रूस से तेल की आपूर्ति में कमी के बाद आया है, जिससे भारतीय रिफाइनरियों को सस्ते दाम पर तेल मिल सकेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज और अन्य कंपनियां इस अवसर का लाभ उठाने की तैयारी में हैं। जानें इस फैसले के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभाव।
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भारत के लिए खाड़ी देशों से आई राहत: सऊदी अरब ने घटाई तेल की कीमतें

खाड़ी देशों से मिली राहत

भारत के लिए खाड़ी देशों से आई राहत: सऊदी अरब ने घटाई तेल की कीमतें

क्रूड ऑयल की कीमतों में छूट!

भारत के लिए खाड़ी देशों से एक महत्वपूर्ण खबर आई है। सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको ने दिसंबर के लिए अपने कच्चे तेल की कीमतों में उल्लेखनीय कमी की है। यह कटौती भारत जैसे देशों के लिए फायदेमंद साबित होगी, जो रूस से तेल की आपूर्ति में आई रुकावट के बाद नए विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।


सऊदी अरब ने कीमतें घटाईं

सऊदी ने घटाई कीमतें, भारत को राहत

अरामको, जो दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी है, ने नवंबर की तुलना में अपने सभी प्रमुख ग्रेड्स की कीमतों में 1.2 से 1.4 डॉलर प्रति बैरल की कमी की है। इसका अर्थ है कि एशियाई देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, को सऊदी कच्चा तेल अब पहले से काफी सस्ते दाम पर उपलब्ध होगा।

कंपनी का सबसे लोकप्रिय क्रूड ग्रेड ‘अरब लाइट’ अब दिसंबर में एशियाई ग्राहकों को ओमान/दुबई बेंचमार्क की तुलना में केवल 1 डॉलर प्रति बैरल के प्रीमियम पर बेचा जाएगा। अमेरिकी खरीदारों के लिए कीमत में 0.5 डॉलर की कमी की गई है, जबकि यूरोप के लिए दरें स्थिर रखी गई हैं।


रिफाइनरीज के लिए फायदेमंद डील

रिफाइनरीज के लिए फायदेमंद डील

रूस पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारत की तेल सप्लाई चेन पर दबाव बढ़ गया था। पहले भारतीय रिफाइनर रोजाना लगभग 10 लाख बैरल तेल रूस से आयात करते थे, लेकिन अब यह सप्लाई घट चुकी है। ऐसे में सऊदी की ओर से यह डिस्काउंट भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी कंपनियां पहले ही सऊदी से अतिरिक्त तेल खरीदने की तैयारी में हैं। दरअसल, रिलायंस ने अक्टूबर महीने में सऊदी अरब से अपने आयात को 87% बढ़ा लिया था और अब इस प्राइस कट के बाद कंपनी और भी ज्यादा तेल बुक कर सकती है।


मार्केट शेयर बचाने की रणनीति

मार्केट शेयर बचाने की रणनीति

सऊदी अरब का यह कदम सिर्फ भारत को फायदा नहीं देता, बल्कि यह उसके मार्केट दृष्टिकोण में बदलाव का संकेत भी है। एनर्जी एक्सपर्ट्स के अनुसार, हाल के महीनों में वैश्विक बाजार में सप्लाई बढ़ने की संभावना है। इसी को देखते हुए सऊदी अब अपने मार्केट शेयर को बचाने पर ध्यान दे रहा है।

कीमतों में यह कटौती अरामको की एक रणनीतिक चाल है, जिससे वह भारत और एशिया जैसे बड़े बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहता है। एनालिस्ट्स का कहना है कि आने वाले महीनों में अगर ग्लोबल ऑयल सप्लाई और बढ़ी तो अरामको आगे भी इसी तरह के कदम उठा सकता है।


भारत के लिए फायदे की डील

भारत के लिए फायदे की डील

भारत की एनर्जी जरूरतों का लगभग 85% हिस्सा आयात से पूरा होता है और सऊदी अरब इसमें एक प्रमुख सप्लायर है। अब जब रूस से आने वाले बैरल घट गए हैं, तो सऊदी की यह कीमत कटौती भारत की रिफाइनर कंपनियों के लिए राहत लेकर आई है। इससे न सिर्फ मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज बल्कि अन्य सरकारी तेल कंपनियों के मुनाफे पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा.