भारत के मंदिर जहां गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है

भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जहां केवल हिंदुओं को ही प्रवेश की अनुमति है। इन मंदिरों में विशेष नियम और परंपराएं हैं, जो गैर-हिंदुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित करती हैं। जानें ऐसे ही 5 प्रमुख मंदिरों के बारे में, जहां गैर-हिंदुओं का जाना सख्त मना है।
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भारत के मंदिर जहां गैर-हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है

विशिष्ट मंदिर: गैर-हिंदुओं के लिए प्रतिबंधित


भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जहां केवल हिंदुओं को ही प्रवेश की अनुमति है। इन मंदिरों में यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी गैर-हिंदू यहां न आ सके।


देश में लाखों मंदिर हैं, जिनमें से कई में विशेष मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां गैर-हिंदुओं का जाना सख्त मना है। यदि किसी व्यक्ति पर संदेह होता है, तो उसकी पहचान पूछी जाती है और केवल हिंदू होने पर ही उसे अंदर जाने दिया जाता है। आइए जानते हैं ऐसे 5 मंदिरों के बारे में।


उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ का मंदिर हिंदुओं के चार पवित्र धामों में से एक है। यहां हर साल रथयात्रा का आयोजन होता है, जो विश्वभर में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में गैर-हिंदुओं का प्रवेश सख्त मना है। यह नियम इतना कठोर है कि 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी यहां प्रवेश नहीं दिया गया था, क्योंकि उनके पति फिरोज गांधी पारसी थे।


केरल के त्रिशूर में भगवान गुरुवायुर का मंदिर लगभग 5000 साल पुराना माना जाता है। यहां भगवान गुरुवायुरप्पन की पूजा की जाती है, जो भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप हैं। इस मंदिर को दक्षिण का बैकुंठ और द्वारका कहा जाता है। यहां भी केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाता है।


तमिलनाडु के कांचीपुरम में कामाक्षी अम्मन मंदिर देवी पार्वती को समर्पित है। कांची हिंदू धर्म के सात पवित्र शहरों में से एक है। यहां देवी पार्वती को कामाक्षी के नाम से पूजा जाता है। यहां भी गैर-हिंदुओं का आना सख्त मना है।


चेन्नई के मलयापुर में कपालेश्वर मंदिर, जो 7वीं शताब्दी का है, भगवान शिव को समर्पित है। यहां दर्शन के लिए नियम बहुत सख्त हैं। हिंदुओं के अलावा किसी अन्य धर्म के व्यक्ति का प्रवेश निषेध है। यहां विदेशी पर्यटकों को भी अनुमति नहीं है।


उत्तर प्रदेश के काशी में गंगा तट के निकट भगवान विश्वनाथ का मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां रोज लाखों लोग दर्शन करने आते हैं। काशी हिंदुओं के सबसे पवित्र 7 शहरों में से एक है। इस मंदिर में केवल हिंदू ही जा सकते हैं। मंदिर के अंदर उत्तरी दिशा में एक पवित्र कुआं है, जहां भी केवल हिंदू ही जा सकते हैं।