भारत के बल्लेबाजों की शानदार बल्लेबाजी, टेस्ट श्रृंखला में 11 शतकों का रिकॉर्ड

भारतीय बल्लेबाजों का शानदार प्रदर्शन
वर्तमान एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारतीय बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया है, लगातार एक से बढ़कर एक अद्भुत पारियां खेली हैं। मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट के दौरान, वाशिंगटन सुंदर ने अपना पहला टेस्ट शतक बनाते हुए 101 रन की नाबाद पारी खेली, जिससे भारत के शतकों की संख्या श्रृंखला में 11 हो गई। आमतौर पर विदेशी टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में, विशेषकर उपमहाद्वीप की टीमों के लिए, भारतीय बल्लेबाजों ने न केवल खुद को ढाला बल्कि शानदार प्रदर्शन किया, जिससे यह भारत के टेस्ट रिकॉर्ड में रन बनाने का एक समृद्ध समय बन गया।
लीड्स: हार के बावजूद शतकों की बौछार
लीड्स में पहले टेस्ट ने श्रृंखला की दिशा तय की, जहां भारत हार गया, लेकिन उनकी बल्लेबाजी ने कुछ खास संकेत दिए। उस मैच में पांच बल्लेबाजों ने शतक बनाए, जो एक असामान्य उपलब्धि है। यशस्वी जायसवाल ने 101 रन की शानदार पारी खेली, जबकि कप्तान शुभमन गिल ने 147 रन बनाकर टीम का नेतृत्व किया। ऋषभ पंत ने पहले और दूसरे दोनों पारियों में शतक बनाते हुए क्रमशः 134 और 118 रन बनाए, अपनी आक्रामकता का प्रदर्शन किया। केएल राहुल ने भी 137 रन बनाकर रन-फेस्ट में योगदान दिया। हार के बावजूद, भारत की बल्लेबाजी की गहराई और मजबूती ने सभी को प्रभावित किया।
बर्मिंघम: गिल का बल्लेबाजी मास्टरक्लास
बर्मिंघम में दूसरे टेस्ट में, शुभमन गिल ने 269 रन की विशाल पारी खेलकर भारत को मजबूत स्थिति में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने दूसरी पारी में 161 रन बनाकर श्रृंखला को 1-1 से बराबर किया। उनकी पारी मैच की पहचान बन गई।
लॉर्ड्स: राहुल का संघर्ष
लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर तीसरे टेस्ट में, केएल राहुल ने एक बार फिर अपनी काबिलियत साबित की। चुनौतीपूर्ण पिच पर, राहुल ने 100 रन बनाकर अपनी टीम को मजबूती प्रदान की। हालांकि, बाकी बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और इंग्लैंड ने श्रृंखला को 2-1 से बराबर कर लिया। लेकिन राहुल ने लगातार शतकों के साथ भारत की सूची में एक और शतक जोड़ा।
मैनचेस्टर: जडेजा और सुंदर ने बचाई श्रृंखला
मैनचेस्टर के चौथे टेस्ट में, शुबमन गिल ने दबाव में शतक बनाया। अंतिम दिन, भारत कठिन स्थिति में था, लेकिन रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की नाबाद 203 रन की साझेदारी ने मैच को बचा लिया। जडेजा ने 107 रन बनाए और सुंदर ने अपना पहला टेस्ट शतक बनाया। यह प्रदर्शन भारत की मध्यक्रम की मजबूती और संघर्षशीलता को दर्शाता है।
द ओवल: इतिहास के करीब
अब टीमें द ओवल में अंतिम मुकाबले के लिए तैयार हैं, जहां भारत 2-1 से पीछे है लेकिन उनके पास गति है। श्रृंखला में पहले ही 11 शतक बन चुके हैं, जो 46 साल पुराने राष्ट्रीय रिकॉर्ड के बराबर है। भारतीय बल्लेबाजी क्रम को एक और शतक बनाकर इतिहास रचने का मौका है। यह श्रृंखला में सुधार और परिपक्वता को दर्शाएगा। बल्लेबाजों के वर्तमान फॉर्म को देखते हुए, सभी की नजरें द ओवल पर होंगी कि क्या भारत इस ऐतिहासिक मौके को एक ऐतिहासिक जीत में बदल सकता है।