भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार

धनखड़ का इस्तीफा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया है। यह आधिकारिक घोषणा तब की गई जब राज्यसभा ने अपने सदस्यों को गृह मंत्रालय के 22 जुलाई के नोटिस के बारे में बताया, जिसमें पुष्टि की गई कि धनखड़ का इस्तीफा तुरंत प्रभाव से लागू होता है।
अचानक इस्तीफे के पीछे के कारण
धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बीच कई आरोप सामने आए हैं, जिसमें उनके निर्णय की अचानकता पर सवाल उठाए गए हैं। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को बताया है, जबकि विपक्ष के सदस्यों ने संदेह व्यक्त किया है कि इसके पीछे और भी गहरे कारण हो सकते हैं।
राज्यसभा में धनखड़ की भूमिका
कांग्रेस के संचार मामलों के महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि धनखड़ ने सोमवार को दोपहर 12:30 बजे राज्यसभा की व्यवसाय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की थी।
प्रधानमंत्री का ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "जगदीप धनखड़ जी को विभिन्न क्षमताओं में हमारे देश की सेवा करने के कई अवसर मिले हैं, जिसमें भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में भी। उन्हें स्वास्थ्य की शुभकामनाएं" pic.twitter.com/99NAfFmIaX
— News Media (@NewsMedia) 22 जुलाई, 2025
गृह मंत्रालय की पुष्टि
गृह मंत्रालय ने 12:11 बजे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की पुष्टि की, जो संविधान के अनुच्छेद 67A के तहत तुरंत प्रभाव से लागू हुआ।
राजनीतिक हलचल
जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने संवैधानिक पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक हलचल मचा दी। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र के माध्यम से अपना इस्तीफा दिया, जिसमें उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(a) का उल्लेख किया, जो उपराष्ट्रपति को इस्तीफा देने की अनुमति देता है। धनखड़, जो पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर और एक प्रमुख वकील हैं, ने 22 अगस्त को उपराष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल 2027 तक चलने वाला था।