भारत की सुरक्षा परिषद में टीआरएफ पर प्रतिबंध की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति

भारत ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की हालिया रिपोर्ट में टीआरएफ की गतिविधियों का उल्लेख किया गया है, जिसमें पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी लेने का मामला शामिल है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के समर्थन के बिना संभव नहीं था। अमेरिका ने टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है। जानें इस मामले में और क्या कहा गया है और भारत की प्रतिक्रिया क्या रही है।
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भारत की सुरक्षा परिषद में टीआरएफ पर प्रतिबंध की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट में टीआरएफ का उल्लेख

भारत अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) पर प्रतिबंध लगाने के एक महत्वपूर्ण कदम के करीब पहुँच गया है। यूएनएससी की निगरानी समिति ने अपनी हालिया रिपोर्ट में टीआरएफ का उल्लेख किया है, जो प्रतिबंध समिति द्वारा मामले पर विचार करने से पहले एक महत्वपूर्ण संकेत है।


टीआरएफ की गतिविधियों का विवरण

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंध निगरानी दल ने बताया कि टीआरएफ ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी दो बार ली थी और घटनास्थल की एक तस्वीर भी साझा की थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के समर्थन के बिना संभव नहीं था।


इस्लामिक स्टेट, अल-कायदा और उनसे जुड़े संगठनों पर आधारित 36वीं रिपोर्ट में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले का उल्लेख किया गया है, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी।


रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच आतंकवादियों ने पहलगाम के एक पर्यटन स्थल पर हमला किया। टीआरएफ ने उसी दिन इस हमले की जिम्मेदारी ली और घटनास्थल की तस्वीर भी साझा की।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और टीआरएफ का भविष्य

रिपोर्ट में एक सदस्य देश के हवाले से कहा गया है कि यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के समर्थन के बिना संभव नहीं था और टीआरएफ तथा लश्कर के बीच संबंध हैं। हालांकि, एक अन्य सदस्य देश ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि लश्कर अब निष्क्रिय हो चुका है।


अमेरिका ने इस महीने टीआरएफ को विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है। पहलगाम हमले के बाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी कर कहा था कि ऐसे आतंकवादी कृत्यों के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाना आवश्यक है।


विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में कहा कि पाकिस्तान ने टीआरएफ का नाम हटवाने की कोशिश की थी। भारत ने इस हमले के जवाब में पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था।


आतंकवाद का खतरा

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस्लामिक स्टेट-खुरासान अब भी मध्य और दक्षिण एशिया तथा वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।


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