भारत की समुद्री सुरक्षा पर राजनाथ सिंह का जोर

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय तटरक्षक कमांडरों के सम्मेलन में समुद्री सुरक्षा की चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने शरणार्थियों और अवैध प्रवासियों को सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया। राजनाथ सिंह ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत तटरक्षक बल के प्रयासों की सराहना की, यह बताते हुए कि तटरक्षक बल का 90 प्रतिशत बजट स्वदेशी संपत्तियों के विकास में लगाया जा रहा है। सम्मेलन का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करना है।
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भारत की समुद्री सुरक्षा पर राजनाथ सिंह का जोर

समुद्री चुनौतियों पर चर्चा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को भारत के पड़ोसी देशों में अस्थिरता के संदर्भ में समुद्री सुरक्षा की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। नई दिल्ली में भारतीय तटरक्षक कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए, उन्होंने शरणार्थियों की बढ़ती संख्या और अवैध प्रवासियों को बंगाल की खाड़ी में भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने कहा, "भारत अपनी भूमि सीमाओं के संदर्भ में कई समस्याओं का सामना कर रहा है। हमारे पड़ोसी देशों की गतिविधियाँ किसी से छिपी नहीं हैं। इसके अलावा, हमारे आस-पास के देशों में अस्थिरता भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। ये सभी चुनौतियाँ हमारे समुद्री क्षेत्र, विशेषकर बंगाल की खाड़ी को प्रभावित करती हैं।"


तटीय सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि शरणार्थियों की आमद, अवैध प्रवासी और समुद्री गतिविधियाँ हमारी तटीय सुरक्षा को चुनौती देती हैं। हमें केवल नियमित निगरानी तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि हमें दोहरे मोर्चे पर ध्यान केंद्रित करना होगा। समुद्री सुरक्षा केवल हमारे जहाजों तक सीमित नहीं है; इसके लिए भू-राजनीतिक जागरूकता और तैयारी भी आवश्यक है। उन्होंने केंद्र सरकार के आत्मनिर्भरता के आह्वान को दोहराते हुए मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि तटरक्षक बल के जहाजों की सर्विसिंग और मरम्मत भारत में की जा रही है, और तटरक्षक बल का 90 प्रतिशत बजट स्वदेशी संपत्तियों के विकास में लगाया जा रहा है।


आधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता

सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सरकार तटरक्षक बल को अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। हम मशीन और मानव संसाधनों दोनों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। भारतीय तटरक्षक बल को सभी आवश्यक आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। मैं मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत तटरक्षक बल के प्रयासों से संतुष्ट हूँ। आज, भारतीय तटरक्षक बल के जहाजों की सर्विसिंग और मरम्मत भारत में ही की जा रही है। तटरक्षक बल का 90 प्रतिशत बजट स्वदेशी संपत्तियों के विकास में जाता है। केवल रक्षा क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि भारत आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।


सम्मेलन का महत्व

तीन दिवसीय सम्मेलन 28 सितंबर को नई दिल्ली स्थित तटरक्षक मुख्यालय में आरंभ हुआ। आईसीजी के अनुसार, यह सम्मेलन समुद्री सुरक्षा, संरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है और एक सुरक्षित, स्थिर और लचीले समुद्री क्षेत्र के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है।