भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता: राजनाथ सिंह

समुद्री तैयारियों पर जोर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को बताया कि भारत को पूर्वी क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों और हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में शक्ति-संचालन की गतिशीलता के कारण अपनी समुद्री तैयारियों को सुदृढ़ बनाए रखने की आवश्यकता है। आंध्र प्रदेश में भारतीय नौसेना की पूर्वी कमान में दो स्टील्थ फ्रिगेट के जलावतरण के अवसर पर उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में भी समान सुरक्षा चुनौतियाँ मौजूद हैं।
हिंद महासागर में शक्ति प्रदर्शन
सिंह ने कहा कि हिंद महासागर में हो रहे शक्ति प्रदर्शन हमें सतर्क करते हैं। यहाँ विभिन्न देशों के हित आपस में टकराते हैं, जिससे हमारी समुद्री तैयारियों को मजबूत करना आवश्यक हो जाता है। उन्होंने बताया कि भारत के पश्चिमी क्षेत्र में अरब सागर से लेकर मध्य पूर्व और पूर्वी अफ्रीका तक कई प्रकार की नौसैनिक गतिविधियाँ होती हैं, जो हमारी भू-रणनीतिक स्थिति को प्रभावित करती हैं।
ऊर्जा सुरक्षा और नौसेना की भूमिका
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत की ऊर्जा आवश्यकताएँ, जैसे कि तेल और प्राकृतिक गैस, हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा पर निर्भर करती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नौसेना की भूमिका केवल समुद्र में गश्त तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की राष्ट्रीय आर्थिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। सिंह ने कहा कि भारत का उद्देश्य अपनी नौसैनिक शक्ति का प्रदर्शन करना नहीं है, लेकिन जब सुरक्षा को खतरा होगा, तो वह पीछे नहीं हटेगा।
आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम
राजनाथ सिंह ने पहलगाम में हाल ही में हुए कायराना हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों की हत्या की। उन्होंने बताया कि इस हमले का उद्देश्य हमें उकसाना था, लेकिन हमने बिना उकसावे के एक प्रभावी जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने का निर्णय लिया गया।
राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा
उन्होंने कहा कि जब भी कोई चुनौती आती है, भारत एकजुट होकर उसका सामना करता है। राष्ट्रीय एकता, अनुशासन, और समर्पण हमारी असली ताकत हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि हमें बदलते युद्ध स्वरूप के अनुसार खुद को अपडेट रखना और नए समाधान खोजने की आवश्यकता है।