भारत की व्यापारिक रणनीति: यूपी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी-2025 में रूस की भागीदारी

उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी-2025 में रूस की भागीदारी ने भारत की व्यापारिक रणनीति को एक नई दिशा दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए भारत की दीर्घकालिक विकास रणनीति को रेखांकित किया। अमेरिका के बढ़ते व्यापारिक दबाव के बीच, भारत ने अपने विश्वसनीय साझेदारों के साथ संबंधों को मजबूत करने का संकेत दिया है। इस प्रदर्शनी में 2,400 से अधिक प्रदर्शक शामिल हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में भारत की विविधता और व्यापारिक स्वतंत्रता को दर्शाते हैं। यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि भारत की वैश्विक कूटनीतिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।
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भारत की व्यापारिक रणनीति: यूपी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी-2025 में रूस की भागीदारी

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत के प्रभाव को बढ़ाने में कोई कमी नहीं की है। हाल के महीनों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया है, जिसमें अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाए हैं। इससे भारतीय उद्योग में चिंता बढ़ी है और यह संकेत मिलता है कि आर्थिक सहयोग में रिश्ते उतने सहज नहीं हैं जितने कि रक्षा और कूटनीति के स्तर पर दिखते हैं। इस संदर्भ में, उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी-2025 (UPITS-2025) का आयोजन और रूस को 'पार्टनर कंट्री' के रूप में शामिल करना एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है।


UPITS-2025 का उद्घाटन और रूस की भागीदारी

ग्रेटर नोएडा में आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया और इसे भारत की दीर्घकालिक विकास रणनीति से जोड़ा। रूस का पार्टनर देश बनना एक स्पष्ट संकेत है कि भारत और रूस के बीच संबंध केवल रक्षा सौदों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि व्यापार और निवेश में भी मजबूत हो रहे हैं।


भारत की लचीली रणनीति

अमेरिका और पश्चिमी देशों के बढ़ते दबाव के बीच, यह संदेश महत्वपूर्ण है कि भारत अपने रणनीतिक हितों के प्रति लचीला नहीं है। जब अमेरिका टैरिफ बढ़ाकर दबाव बनाने की कोशिश करता है, तो भारत रूस जैसे विश्वसनीय साझेदार को प्राथमिकता देकर यह दर्शाता है कि उसके पास विकल्प हैं। यह एक जियो-इकोनॉमिक संदेश है कि भारत अपनी नीतियों में किसी एक शक्ति-गुट पर निर्भर नहीं रहेगा।


प्रदर्शनी की विशेषताएँ

यह व्यापार प्रदर्शनी एशिया की सबसे बड़ी व्यापारिक गतिविधियों में से एक मानी जा रही है। इसमें 2,400 से अधिक प्रदर्शक अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं, और 1,25,000 बी2बी और 4,50,000 बी2सी विज़िटर शामिल हो रहे हैं। हाई-टेक निर्माण, एमएसएमई उत्पाद, कृषि आधारित उद्योग, आईटी समाधान और 'मेक इन इंडिया' से जुड़े सेक्टर यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं।


उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर इस प्रदर्शनी का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यहाँ के हस्तशिल्प, चमड़ा उद्योग, कृषि उत्पाद और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में नई पहचान मिलेगी। इससे राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम वैश्विक खरीदारों से सीधे जुड़ सकेंगे, जिससे उन्हें पूंजी और तकनीक मिलेगी।


भारत की विविधता नीति

इस प्रदर्शनी के माध्यम से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने व्यापारिक संबंधों में विविधता की नीति पर काम कर रहा है। यदि अमेरिका या कोई अन्य पश्चिमी शक्ति व्यापारिक दबाव बनाएगी, तो भारत वैकल्पिक साझेदारियों के जरिए संतुलन साध सकता है। प्रधानमंत्री मोदी का यह कहना कि 'विघटन हमें गुमराह नहीं करता, हम उसमें भी नए अवसर खोजते हैं' इस नीति का प्रत्यक्ष प्रतिबिंब है।


UPITS-2025 का महत्व

उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी-2025 केवल एक व्यापारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत की कूटनीतिक और आर्थिक रणनीति का मंच भी है। रूस को साझेदार बनाकर भारत ने अमेरिका और पश्चिमी शक्तियों को यह संदेश दिया है कि वह अपनी नीतियों को किसी दबाव में नहीं ढालने वाला है। यह आयोजन उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर नई पहचान और मजबूती देगा।