भारत की रक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि: वित्त मंत्री का बयान

भारत की रक्षा निर्यात में वृद्धि
नई दिल्ली, 10 जून: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक उभरते रक्षा निर्यातक के रूप में उभरा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत कर रहा है और वैश्विक शांति में एक विश्वसनीय भागीदार बन गया है।
उन्होंने कहा, "भारत के रक्षा क्षेत्र में पिछले दशक में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। 2014 में ₹1,941 करोड़ से बढ़कर 2024 में रक्षा निर्यात ₹23,662 करोड़ के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जो कि 1,100% से अधिक की वृद्धि है। अब देश 100 से अधिक देशों को सैन्य उपकरण निर्यात करता है।"
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा पूंजी अधिग्रहण बजट का 75 प्रतिशत घरेलू उत्पादन के लिए निर्धारित किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार की आत्मनिर्भरता अभियान के तहत 5,000 से अधिक वस्तुओं को रक्षा स्वदेशीकरण सूचियों में जोड़ा गया है।
भारत का रक्षा उत्पादन, जो 10 से 11 साल पहले केवल ₹43,000 करोड़ था, अब ₹1,46,000 करोड़ के रिकॉर्ड स्तर को पार कर चुका है, जिसमें निजी क्षेत्र का योगदान ₹32,000 करोड़ से अधिक है।
सरकार का मेक-इन-इंडिया अभियान सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ है, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वदेशी प्रणालियों का उपयोग यह दर्शाता है कि भारत दुश्मन की किसी भी कवच को भेदने की क्षमता रखता है।
सीतारमण ने मोदी सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति की उपलब्धियों को भी उजागर किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उल्लेख किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान-आधारित कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमलों में 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया।
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाए गए विदेश नीति के कदमों में वित्त मंत्री ने यूक्रेन से 22,500 से अधिक भारतीयों की निकासी का उल्लेख किया, जब रूस ने सैन्य अभियान शुरू किया, जबकि संघर्षग्रस्त सूडान से 3,000 भारतीयों को भी वापस लाया गया।
सीतारमण ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की वैक्सीन आपूर्तिकर्ता की भूमिका को भी उजागर किया। देश ने 100 से अधिक देशों को 30 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज़ प्रदान किए ताकि इस घातक बीमारी के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।