भारत की नई योजना: रेयर अर्थ मिनिरल्स में आत्मनिर्भरता की ओर कदम

भारत ने रेयर अर्थ मिनिरल्स के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने 7280 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य चीन पर निर्भरता को कम करना है। इस योजना के तहत भारत में रेयर अर्थ के खनन और प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे न केवल स्थानीय उपयोग के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी उत्पादन किया जा सकेगा। जानें इस योजना के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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भारत की नई योजना: रेयर अर्थ मिनिरल्स में आत्मनिर्भरता की ओर कदम

भारत की रेयर अर्थ मिनिरल्स योजना

भारत की नई योजना: रेयर अर्थ मिनिरल्स में आत्मनिर्भरता की ओर कदम

भारत ने दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना बनाई है। चीन द्वारा अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के बावजूद, भारत अब रेयर अर्थ मिनिरल्स के उत्पादन और प्रोसेसिंग में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।

केंद्र सरकार ने हाल ही में कैबिनेट बैठक में 7280 करोड़ रुपये की एक योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्माण को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, भारत में रेयर अर्थ के खनन और उनकी शुद्धिकरण प्रक्रिया को विकसित किया जाएगा। यह योजना सात वर्षों तक चलेगी और इसका लक्ष्य अन्य देशों पर निर्भरता को कम करना है।

भारत की इस पहल से चीन पर निर्भरता घटेगी, जो कि रेयर अर्थ का सबसे बड़ा सप्लायर है। चीन के पास प्रोसेसिंग और रिफाइनिंग की उन्नत तकनीक है, जिसका लाभ वह उठाता रहा है। भारत की योजना से न केवल स्थानीय उपयोग के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी रेयर अर्थ का उत्पादन किया जाएगा। इससे अमेरिका जैसे देशों को भी चीन का विकल्प मिलेगा।