भारत की दोस्ती की नई दिशा: ऑपरेशन सिंदूर के बाद के बदलाव

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की अंतरराष्ट्रीय मित्रता की सूची में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अमेरिका की स्थिति में गिरावट आई है, जबकि रूस ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। चीन ने भी अपनी स्थिति में सुधार किया है, लेकिन भारत इस पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर सकता। जानें इस बदलाव के पीछे के कारण और भारत की नई रणनीतियों के बारे में।
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भारत की दोस्ती की नई दिशा: ऑपरेशन सिंदूर के बाद के बदलाव

भारत की दोस्ती का नया समीकरण

ऑपरेशन सिंदूर के परिणामस्वरूप भारत की अंतरराष्ट्रीय मित्रता की सूची में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। पहले जो देश मित्रता की सूची में शीर्ष पर थे, वे अब नीचे आ गए हैं, जबकि जो नीचे थे, वे अब ऊपर आ गए हैं। इस बदलाव में प्रमुख नाम चीन, रूस और अमेरिका शामिल हैं।


अमेरिका की स्थिति में गिरावट

अमेरिका, जो पहले मित्रों की सूची में सबसे ऊपर था, अब नीचे आ गया है। वहीं, चीन ने इस सूची में एक स्थान प्राप्त किया है, लेकिन भारत इस पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर सकता। दूसरी ओर, रूस, जो हमेशा से भारत का करीबी मित्र रहा है, अब शीर्ष पर है।


रूस का समर्थन

रूस ने हमेशा भारत का साथ दिया है, और ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने रूसी हथियारों की मदद से पाकिस्तान को पराजित किया। रूस का S400 एयर डिफेंस सिस्टम भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय साबित हुआ है।


ट्रंप की नीतियों का प्रभाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को प्रभावित किया है। ट्रंप की बयानबाजी के कारण भारत ने अमेरिका के प्रति अपनी प्राथमिकता में बदलाव किया है और अब चीन को अधिक महत्व दे रहा है।


चीन के साथ सावधानी

हालांकि भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार हो रहा है, लेकिन भारत हमेशा सतर्क रहता है। ऑपरेशन सिंदूर में चीन की भूमिका को उजागर करने से यह स्पष्ट होता है कि भारत चीन पर भरोसा नहीं कर सकता।