भारत की देर से घोषणा: क्या यह रणनीतिक जीत में बदल सकती है?

भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में एक मजबूत स्थिति बनाई है, लेकिन उनकी देर से घोषणा ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बारिश की संभावना के बीच, कप्तान शुभमन गिल ने चाय के बाद घोषणा की, जिससे टीम को 608 रन का लक्ष्य मिला। गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल ने इसे एक आंतरिक चर्चा का परिणाम बताया। बारिश ने खेल को प्रभावित किया, लेकिन अतिरिक्त रन ने भारतीय गेंदबाजों पर दबाव को कम किया। क्या यह रणनीति भारत के लिए जीत में बदल सकती है? जानें इस लेख में।
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भारत की देर से घोषणा: क्या यह रणनीतिक जीत में बदल सकती है?

भारत की स्थिति मजबूत

भारत ने लीड्स में पहले मैच में हार के बाद, बर्मिंघम में दूसरे टेस्ट के चौथे दिन एक मजबूत स्थिति में प्रवेश किया। इंग्लैंड को 536 रन की आवश्यकता थी और उसके पास केवल सात विकेट बचे थे। कप्तान शुभमन गिल के दूसरे शतक ने भारत को श्रृंखला को 1-1 से बराबर करने की दिशा में मजबूती प्रदान की।


घोषणा पर उठे सवाल

हालांकि, भारत की घोषणा की रणनीति पर सवाल उठे। बारिश की संभावना के बीच, गिल ने चाय के बाद लगभग एक घंटे बाद घोषणा की, जबकि भारत ने 550 रन की बढ़त के बाद बल्लेबाजी जारी रखी। इसके बजाय, भारत ने पांच और ओवर खेलकर इंग्लैंड के लिए 608 रन का रिकॉर्ड लक्ष्य छोड़ दिया।


कोच का बयान

भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह निर्णय एक आंतरिक चर्चा के बाद लिया गया था। उन्होंने कहा कि अंतिम ओवरों में बनाए गए अतिरिक्त रन 'बोनस' थे, और टीम को अपने प्रदर्शन पर विश्वास था।


बारिश का प्रभाव

लेकिन जब बारिश ने दिन 5 के खेल को प्रभावित किया, तो देरी का कारण स्पष्ट हो गया। अतिरिक्त रन ने भारतीय गेंदबाजों पर दबाव को कम किया। मोर्केल ने उन्हें 'बोनस रन' कहा, और ये महत्वपूर्ण साबित हुए। तीन इंग्लिश विकेट गिरने के बाद, भारत ने आक्रामकता से खेलना शुरू किया, यह जानते हुए कि लक्ष्य असंभव है और समय कम है।