भारत की कड़ी प्रतिक्रिया: ट्रंप की टैरिफ बढ़ाने की धमकी पर बयान

भारत का आधिकारिक बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी के जवाब में, भारत ने सोमवार को एक छह-सूत्रीय बयान जारी किया। इस बयान में भारत ने स्पष्ट किया कि अमेरिका और यूरोपीय संघ ने उसे अनुचित रूप से निशाना बनाया है, क्योंकि वह रूस से तेल का आयात जारी रखता है। भारत ने कहा, "यूक्रेन संघर्ष के आरंभ होने के बाद, रूस से तेल आयात करने के कारण भारत को निशाना बनाया गया है।"
आयात का उद्देश्य
भारत ने यह भी बताया कि उसने रूस से आयात इसलिए शुरू किया क्योंकि संघर्ष के चलते पारंपरिक आपूर्ति यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी। उस समय अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता को बनाए रखने के लिए भारत के इस कदम का समर्थन किया था।
दूसरे बिंदु में, भारत ने कहा कि आयात का मुख्य उद्देश्य अपने नागरिकों के लिए किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है। "भारत का आयात भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करने के लिए है। वैश्विक बाजार की स्थिति के कारण यह आवश्यक है।"
यूरोपीय संघ के व्यापार आंकड़े
तीसरे बिंदु में, भारत ने बताया कि 2024 में यूरोपीय संघ का रूस के साथ द्विपक्षीय व्यापार 67.5 बिलियन यूरो तक पहुंच गया था। इसके अलावा, 2023 में सेवाओं का व्यापार 17.2 बिलियन यूरो होने का अनुमान है। यह आंकड़ा भारत के रूस के साथ व्यापार से कहीं अधिक है।
ट्रंप की टैरिफ़ धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह भारत पर रूसी तेल की खरीद के लिए टैरिफ में वृद्धि करेंगे। ट्रंप ने कहा, "भारत न केवल भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि इसे खुले बाजार में मुनाफे पर बेच रहा है।"
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने इस प्रकार के लक्ष्यीकरण को अनुचित और अविवेकपूर्ण बताया है। उसने यह भी कहा कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। "भारत को निशाना बनाना अनुचित है। किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगे।"