भारत की ऐतिहासिक जीत पर ऑस्ट्रेलिया को धीमी ओवर-रेट के लिए जुर्माना

भारत महिला क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरे वनडे में 102 रन से हराकर श्रृंखला को 1-1 से बराबर किया। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को धीमी ओवर-रेट के लिए 10 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया। स्मृति मंधाना ने शानदार 117 रन बनाए, जबकि क्रांति गौड़ ने गेंदबाजी में कमाल किया। यह मैच भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, जिसमें उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को सबसे बड़ी हार का सामना कराया। अब तीसरा और अंतिम ODI दिल्ली में खेला जाएगा, जो दोनों टीमों के लिए निर्णायक होगा।
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भारत की ऐतिहासिक जीत पर ऑस्ट्रेलिया को धीमी ओवर-रेट के लिए जुर्माना

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट: जुर्माना और ऐतिहासिक जीत

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट: ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम की मुश्किलें मंगलवार, 16 सितंबर को बढ़ गईं, जब उन्हें भारत महिला टीम के खिलाफ दूसरे वनडे में धीमी ओवर-रेट के लिए अपने मैच शुल्क का 10 प्रतिशत जुर्माना भरना पड़ा। यह मैच भारत महिला टीम की रिकॉर्ड तोड़ 102 रन की जीत के लिए याद किया जाएगा।


आईसीसी के आधिकारिक बयान के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया अपनी निर्धारित ओवरों से दो ओवर कम थी, जिसमें समय की अनुमति भी शामिल थी। यह अपराध ऑन-फील्ड अंपायरों व्रिंदा राठी और जनानी नारायणन, तीसरे अंपायर लॉरेन एगेनबाग और चौथे अंपायर गायत्री वेंगोपालन द्वारा दर्ज किया गया। यह जुर्माना मैच रेफरी जी.एस. लक्ष्मी द्वारा लगाया गया, जो आईसीसी के आचार संहिता के अनुच्छेद 2.22 के तहत है, जो न्यूनतम ओवर-रेट अपराधों से संबंधित है।


इस नियम के अनुसार, हर कम ओवर के लिए टीमों को उनके मैच शुल्क का 5 प्रतिशत जुर्माना देना होता है। यहां ऑस्ट्रेलिया दो ओवर कम थी, जिसका मतलब है 10 प्रतिशत जुर्माना। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली ने इस जुर्माने को स्वीकार किया, जिससे औपचारिक सुनवाई की आवश्यकता नहीं पड़ी।


हालांकि ओवर-रेट का जुर्माना एक अनुशासनात्मक नुकसान था, लेकिन यह मैदान पर हुई घटनाओं की तुलना में कुछ भी नहीं था। यह मैच भारत महिला टीम के लिए ऐतिहासिक जीत बन गया, क्योंकि न केवल उन्होंने श्रृंखला 1-1 से बराबर की, बल्कि ऑस्ट्रेलिया को महिला वनडे इतिहास में सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा।


पहला रिकॉर्ड, 1973 के पहले महिला विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ 92 रन की हार, पांच दशकों से अधिक समय तक चला, लेकिन एक नई ऊर्जा से भरी भारतीय टीम ने इसे तोड़ दिया।


मंधाना का जादू और गौड़ की मेहनत

भारत की ओर से शानदार प्रदर्शन करते हुए स्मृति मंधाना ने अपने करियर की बेहतरीन ODI पारियों में से एक खेली। उन्होंने केवल 91 गेंदों में 117 रन बनाकर 14 चौके और चार छक्के लगाए। उनकी बल्लेबाजी ने भारत के विशाल स्कोर के लिए आधार तैयार किया।


मंधाना की बल्लेबाजी ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को परेशान कर दिया, और उन्हें उनके प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।


गेंदबाजी में भारत की युवा प्रतिभा क्रांति गौड़ ने भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने इस वर्ष अपने ODI करियर की शुरुआत की और पहले टेस्ट में 3 विकेट लेकर अपनी लय को जारी रखा। उनकी नियंत्रण, विविधता और दबाव में विकेट लेने की क्षमता ने ऑस्ट्रेलियाई मध्य क्रम को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


अब श्रृंखला 1-1 पर है, तीसरा और अंतिम ODI 20 सितंबर को दिल्ली में खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलिया ने पहले मैच में आठ विकेट से जीत हासिल की थी, लेकिन भारत की वापसी ने मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।


जैसे ही दोनों टीमें दिल्ली के लिए रवाना होती हैं, ऑस्ट्रेलिया इस हार से रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक रूप से उबरने की कोशिश करेगी, जबकि भारत इस जीत के उत्साह को अंतिम मुकाबले में ले जाने का प्रयास करेगा। भले ही भारत हार जाए, लेकिन दूसरा ODI एक ऐसा मैच बन जाएगा जिसमें भारत महिला टीम ने अपनी क्षमता साबित की और दिखाया कि वे ODI प्रारूप में कितनी विकसित हो चुकी हैं।