भारत की एफडीआई नीति में कोई परिवर्तन नहीं, सीमावर्ती देशों के लिए नियम समान

भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि सीमावर्ती देशों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 2020 में जारी 'प्रेस नोट 3' के तहत, इन देशों के निवेशकों को निवेश के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है। यह नीति सभी सीमावर्ती देशों पर समान रूप से लागू होती है, जिसमें चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमा और अफगानिस्तान शामिल हैं। जानें इस नीति के बारे में और भी महत्वपूर्ण जानकारी।
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भारत की एफडीआई नीति में कोई परिवर्तन नहीं, सीमावर्ती देशों के लिए नियम समान

सरकार की एफडीआई नीति पर अपडेट

भारत सरकार ने उन देशों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में कोई बदलाव नहीं किया है, जो भारत के साथ भूमि सीमा साझा करते हैं। यह जानकारी बुधवार को सूत्रों द्वारा साझा की गई।


2020 में जारी किए गए 'प्रेस नोट 3' के अनुसार, इन सीमावर्ती देशों के निवेशकों को किसी भी क्षेत्र में निवेश करने के लिए सरकार की पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है।


एफडीआई नीति का समान अनुप्रयोग

सूत्रों ने बताया कि 'प्रेस नोट 3' सभी सीमावर्ती देशों पर समान रूप से लागू होता है, जिसमें चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमा और अफगानिस्तान शामिल हैं।


एक सूत्र ने कहा, "इस प्रेस नोट के जारी होने के बाद भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से संबंधित एफडीआई नीति में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।"


चीन से एफडीआई आवेदनों की प्रक्रिया

यह जानकारी महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि चीन से एफडीआई आवेदनों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।


वर्तमान में, गृह सचिव की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी समिति 'प्रेस नोट 3' के तहत आए आवेदनों पर विचार करती है।


भारत में आने वाले अधिकांश एफडीआई स्वचालित अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत आते हैं।