भारत की आतंकवाद विरोधी नीति में अमेरिका का समर्थन: राजनाथ सिंह

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अमेरिका के समर्थन के लिए अपने समकक्ष पीट हेगसेथ का आभार व्यक्त किया। टेलीफोन पर हुई बातचीत में, उन्होंने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को मजबूत करने के लिए चल रही और नई पहलों पर चर्चा की। सिंह ने हेगसेथ को बताया कि पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद का लंबा इतिहास वैश्विक स्तर पर जाना जाता है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादियों के लिए सुरक्षित आश्रय बन गया है। इससे पहले, राजनाथ सिंह ने अपनी बिहार रैली में पाकिस्तान को बिना नाम लिए चेतावनी दी थी।
आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
रक्षा मंत्री ने बुधवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई संकोच नहीं करेगी, चाहे वे कहीं भी हों। उन्होंने पड़ोसी देश का नाम लिए बिना पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया।
सुरक्षा नीति में बदलाव
सिंह ने कहा कि 'सर्जिकल स्ट्राइक' और बालाकोट हवाई हमले जैसे कदमों के साथ देश की सुरक्षा नीति में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद चलाए गए सैन्य अभियान का उल्लेख करते हुए कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमने पहली बार अपनी सीमा से 100 किलोमीटर दूर स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया। हमने केवल उन पर हमला किया जो हम पर हमला कर रहे थे, इसलिए किसी भी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया।'
मोदी सरकार का दीर्घकालिक दृष्टिकोण
सिंह ने कहा, 'मोदी के नेतृत्व में, हमारी नीति आतंकवादियों को खत्म करने में संकोच न करने की रही है। हम आतंकवादी हमलों के सरगना और उन्हें प्रायोजित करने वाली सरकारों के बीच कोई भेद नहीं करेंगे।' उन्होंने यह भी बताया कि मोदी के 'स्वदेशीकरण' और 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण के कारण देश के रक्षा निर्यात में तेजी आई है।
संविधान में पंथनिरपेक्षता का मुद्दा
सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक नेता की टिप्पणी पर भी चर्चा की, जिसमें उन्होंने संविधान की प्रस्तावना से 'पंथनिरपेक्ष' और 'समाजवादी' शब्दों को हटाने की बात की थी। उन्होंने पूछा कि जम्मू कश्मीर के अलग संविधान में पंथनिरपेक्ष शब्द क्यों नहीं जोड़ा गया।
भारत का धार्मिक सम्मान
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी दुनिया में एकमात्र राजनीतिक संगठन है जिसने पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने कहा, 'भारत ने हमेशा सभी धर्मों का सम्मान किया है।' इसके विपरीत, पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।