भारत की अल्जीरिया यात्रा: रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम
भारत के थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी की अल्जीरिया यात्रा, जो अगले सप्ताह होने वाली है, अफ्रीका और भूमध्य सागर में भारत की रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा है। यह यात्रा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान की हालिया यात्राओं के बाद हो रही है। जनरल द्विवेदी की यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत करने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार करने और रक्षा तकनीक में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी। अल्जीरिया का भारत के लिए सामरिक महत्व और ऊर्जा सुरक्षा में योगदान भी इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
Aug 23, 2025, 19:50 IST
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भारत की रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में कदम
भारत के थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी अगले सप्ताह अल्जीरिया की आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले हैं, जो अफ्रीका और भूमध्य सागर में भारत की रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के प्रयासों को दर्शाता है। यह उनका पहला विदेश दौरा है, जो ऑपरेशन सिंदूर में सेना की सफलता के बाद हो रहा है। यह यात्रा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान की हालिया अल्जीरिया यात्राओं के बाद हो रही है, जिन्होंने दोनों देशों के बीच घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों की नींव रखी थी। इस यात्रा के दौरान रक्षा सहयोग पर चर्चा होने की उम्मीद है।
मिलिट्री संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम
जनरल द्विवेदी अल्जीरिया के साथ मिलिट्री टु मिलिट्री संबंधों को मजबूत करने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार करने और क्षमता विकास पर चर्चा करेंगे। भारत और अल्जीरिया के पास अधिकांश सैन्य उपकरण और तकनीक समान हैं, जिससे भारत उन्हें अपने अनुभव से प्रशिक्षण और रखरखाव में सहायता कर सकता है। इसके अलावा, रक्षा तकनीक में सहयोग बढ़ाने पर भी बातचीत होगी। दोनों देश रक्षा उद्योग, आधुनिकीकरण, लॉजिस्टिक्स और उपकरण सहयोग के अवसरों की तलाश करेंगे, जिससे दोनों सेनाओं के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ने की संभावना है।
अल्जीरिया यात्रा का एजेंडा
सूत्रों के अनुसार, जनरल द्विवेदी की यात्रा के दौरान सेना-से-सेना के संबंधों को मजबूत करने, प्रशिक्षण आदान-प्रदान का विस्तार करने और क्षमता विकास पहलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अल्जीरिया में भारत के समान उपकरणों के चलते, नई दिल्ली परिचालन विशेषज्ञता साझा करने, रखरखाव और प्रशिक्षण सहायता बढ़ाने और रक्षा प्रौद्योगिकियों में सहयोग को बढ़ावा देने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा, रक्षा औद्योगिक साझेदारी, विशेष रूप से आधुनिकीकरण, रसद और उपकरण सहायता की संभावनाओं पर भी चर्चा होगी।
अल्जीरिया का महत्व
भारत अल्जीरिया को अफ्रीका और भूमध्यसागर क्षेत्र में एक स्वाभाविक साझेदार मानता है। अल्जीरिया मगरेब-सहेल क्षेत्र का एक प्रमुख देश है और इसकी अफ्रीकी संघ और गुटनिरपेक्ष ट्रेडिशन में मजबूत स्थिति है। इसके विशाल हाइड्रोकार्बन भंडार भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।