भारत की अर्थव्यवस्था: 10 ट्रिलियन डॉलर की ओर बढ़ते कदम
भारत की अर्थव्यवस्था का भविष्य
वर्तमान में, भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और यह अनुमान है कि अगले डेढ़ दशक में यह लगभग ढाई गुना बढ़ सकती है। इसका अर्थ है कि भारत की अर्थव्यवस्था 10 ट्रिलियन डॉलर के स्तर को पार कर सकती है। डीबीएस बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव की रिपोर्ट में भारत की अर्थव्यवस्था की उज्ज्वल संभावनाओं का उल्लेख किया गया है, जिसमें 2040 तक 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि, इस वृद्धि के लिए कुछ महत्वपूर्ण तत्वों की आवश्यकता होगी।
डेवलपमेंट: आर्थिक वृद्धि की नींव
भारत एक महत्वपूर्ण विकास चरण में प्रवेश कर रहा है, जो उसकी वैश्विक स्थिति को नया आकार दे सकता है। राव के अनुसार, 2025 से 2040 के बीच, देश की अर्थव्यवस्था औसतन 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। यह विकास मानव पूंजी निवेश, उत्पादकता वृद्धि और पूंजी निर्माण पर निर्भर करेगा।
डायवर्सिफिकेशन: वैश्विक प्रभाव का विस्तार
रिपोर्ट में डायवर्सिफिकेशन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। भारत सरकार मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है। इसका लक्ष्य 2040 तक निर्यात को जीडीपी के 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 30-32 प्रतिशत करना है।
डिजिटलाइजेशन: उत्पादकता और नवाचार को बढ़ावा
रिपोर्ट में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को तीसरे बंबू के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो उत्पादकता वृद्धि और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगा। भारत के डिजिटल ढांचे ने पहले ही कई क्षेत्रों में क्रांति ला दी है।
डीकार्बोनाइजेशन: दीर्घकालिक समृद्धि की कुंजी
डीकार्बोनाइजेशन भारत की दीर्घकालिक समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। भारत का लक्ष्य 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करना है। इसके लिए, रिन्यूएबल एनर्जी और अन्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
