भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था: मोदी सरकार के दावों की सच्चाई

भारत की अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार के दावे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य मंत्री अपनी अर्थव्यवस्था की वास्तविकता से कितने दूर हैं, इसका एक बड़ा उदाहरण 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के संबंध में किए गए दावे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने पहले जनसभाओं में बताया था कि ट्रिलियन में कितने शून्य होते हैं, लेकिन अब ऐसा लगता है कि वे खुद इसे भूल चुके हैं। मोदी के विकास के नारों की तरह, देश की अर्थव्यवस्था भी केवल आंकड़ों में सिमटकर रह गई है, जबकि आम जनता की स्थिति नजर नहीं आती। दिल्ली के चुनावों में मोदी जी के बड़े पोस्टरों पर मुफ्त उपहारों के दावे और विकास के दावे एक साथ दिखाए जाते हैं। भारत शायद एकमात्र ऐसा देश है जहां सत्ता में बैठे लोग जनता को सशक्त करने के बजाय मुफ्त उपहारों को विकास मानते हैं।
वित्त मंत्रालय ने जनवरी 2025 में एक नोट में कहा कि केंद्र सरकार 2029 तक अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की योजना बना रही है। वर्तमान में, 2024 में देश की जीडीपी 3.57 ट्रिलियन डॉलर है, और यदि हर साल 6.5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि दर बनी रहती है, तो यह 2028-29 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। लेकिन यह समय सीमा भी एक जुमला साबित होने की संभावना है, क्योंकि जीडीपी की वृद्धि दर अब 6.5 प्रतिशत से भी कम हो गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के बारे में भ्रामक जानकारी दी है। जनवरी 2018 में, उन्होंने दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में कहा था कि 2025 तक अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। जुलाई 2019 में, उन्होंने वाराणसी में कहा कि यह लक्ष्य 2024 तक हासिल होगा। अगस्त 2023 में, उन्होंने ब्रीक्स देशों के सम्मेलन में कहा कि भारत जल्द ही 5 ट्रिलियन का लक्ष्य हासिल कर लेगा। लेकिन यह लक्ष्य अब उनके लिए भी एक मृगतृष्णा बन गया है।
प्रेस सूचना ब्यूरो ने 11 अक्टूबर 2018 को कहा था कि 2025 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लिए सरकार ने कई सुधार किए हैं। इसमें कहा गया था कि 5 ट्रिलियन में से 1 ट्रिलियन औद्योगिक उत्पादन, 1 ट्रिलियन कृषि और 3 ट्रिलियन सर्विसेज़ सेक्टर का योगदान होगा।
दिसंबर 2023 में, तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में कहा कि आईएमएफ भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से प्रभावित है और 2027-2028 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की राह पर है। लेकिन उनके आंकड़े भ्रामक हैं।
वित्त मंत्रालय ने जनवरी 2024 में कहा कि अगले 3 वर्षों में अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन तक पहुंचेगी। निर्मला सीतारमण ने पहले 2024-2025 और फिर 2027-2028 की समयसीमा बताई।
केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जनवरी 2024 में कहा कि हम 2024-2025 में 5 ट्रिलियन का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे। लेकिन वास्तविकता यह है कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत है।
स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्री अर्थव्यवस्था के बारे में जो भी दावे कर रहे हैं, उनमें से किसी को भी इसकी वास्तविकता का ज्ञान नहीं है। 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था केवल एक चुनावी नारा है, जिसे बार-बार उछाला जा रहा है।