भारत का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे: हैदराबाद-माचिलिपट्नम परियोजना का प्रस्ताव

भारत में हैदराबाद-माचिलिपट्नम एक्सप्रेसवे परियोजना का प्रस्ताव है, जो देश का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे बनने की संभावना रखता है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से इस परियोजना को मंजूरी देने का आग्रह किया है। यह एक्सप्रेसवे 12 लेन का होगा और इसकी लंबाई 330 किलोमीटर होगी, जो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को जोड़ेगा। इस परियोजना के माध्यम से न केवल परिवहन में सुधार होगा, बल्कि यह क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।
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भारत का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे: हैदराबाद-माचिलिपट्नम परियोजना का प्रस्ताव

परियोजना का विवरण

देश में एक्सप्रेसवे और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ, पर्यटन और अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो रही है। भारत जल्द ही सबसे चौड़े एक्सप्रेसवे का निर्माण करने जा रहा है। यह परियोजना अभी प्रस्तावित अवस्था में है और इसके लिए सरकार से मंजूरी का इंतजार है।


मुख्यमंत्री की पहल

इस परियोजना का नाम हैदराबाद-माचिलिपट्नम पोर्ट है। इसके लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की है। उन्होंने गडकरी से इस परियोजना को मंजूरी देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि तेलंगाना के पास अपना कोई पोर्ट नहीं है, इसलिए विभिन्न शहरों से सामान को पोर्ट तक पहुंचाने के लिए एक सड़क की आवश्यकता है।


फिजिबिलिटी अध्ययन

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बताया कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की राजधानियों को जोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे बनाने का प्रावधान है। यदि इस परियोजना को मंजूरी मिलती है, तो यह देश का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे होगा, जो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को भी पीछे छोड़ देगा।


एक्सप्रेसवे की विशेषताएँ

यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 12 लेन का होगा और इसकी लंबाई 330 किलोमीटर होगी। यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच बनेगा और माचिलिपट्नम और अमरावती को पार करेगा।