भारत का रूस से तेल खरीदने का निर्णय: ट्रंप के दावे पर रूसी राजदूत की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे के बाद, भारत में रूसी राजदूत ने स्पष्ट किया कि भारत का रूस के साथ ऊर्जा सहयोग उसके राष्ट्रीय हितों के अनुरूप है। ट्रंप ने कहा कि मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें कहा गया है कि भारत की ऊर्जा नीतियां राष्ट्रीय हितों पर आधारित हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
Oct 16, 2025, 14:13 IST
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भारत और रूस के ऊर्जा सहयोग पर बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह कहे जाने के कुछ घंटों बाद कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा, भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत का ऊर्जा सहयोग मॉस्को के साथ उसके राष्ट्रीय हितों के अनुरूप बना हुआ है। जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत रूसी तेल का आयात जारी रखेगा, तो अलीपोव ने स्पष्ट किया कि यह भारत सरकार का निर्णय है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देती है और हमारा ऊर्जा सहयोग इन हितों के अनुरूप है।
ट्रंप ने मीडिया को बताया कि मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल आयात नहीं करेगा, जो अमेरिका की लंबे समय से मांग रही है। ट्रंप ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने आज मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। यह एक महत्वपूर्ण कदम है। अब हम चीन से भी यही करवाने की कोशिश कर रहे हैं।" वहीं, भारत ने कहा कि वह बाजार की स्थितियों के अनुसार ऊर्जा स्रोतों को विविधता प्रदान कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारत की आयात नीतियां पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों पर आधारित हैं और देश अमेरिका के साथ ऊर्जा संबंधों को बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है।
जायसवाल ने कहा, ‘‘स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दो मुख्य लक्ष्य हैं।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘इसमें हमारी ऊर्जा आपूर्ति के स्रोतों का आधार व्यापक बनाना और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार विविधता लाना शामिल है।’’ पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत द्वारा रूस से पेट्रोलियम उत्पादों की निरंतर खरीद एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है, जिससे नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंधों में गिरावट आई है। वाशिंगटन में, ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी ने ‘‘मुझे आश्वासन दिया है कि रूस से कोई तेल खरीद नहीं की जाएगी।’’