भारत का बैंकिंग क्षेत्र: SBI का वैश्विक दबदबा बनाने का लक्ष्य
एसबीआई का महत्वाकांक्षी प्लान
भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित हो रही है, और सरकार इस दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। इसी क्रम में, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग सुधारों की दिशा में कदम उठाए हैं, जिससे इस क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने हाल ही में 100 लाख करोड़ रुपये के कारोबार का आंकड़ा पार किया है और 2030 तक दुनिया के शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान बैंकों में शामिल होने का लक्ष्य रखा है।
SBI के चेयरमैन सीएस सेट्टी ने बताया कि इस बैंक का उद्देश्य अपने मार्केट कैप को और बढ़ाना है। एचडीएफसी बैंक पहले से ही शीर्ष 10 में है, लेकिन भविष्य में ICICI बैंक और SBI भी इस सूची में शामिल हो सकते हैं। सेट्टी ने कहा कि बैंक का लक्ष्य 15% का कैपिटल पर्याप्तता अनुपात (CAR) और 12% का कोर इक्विटी अनुपात (CET-1) बनाए रखना है। सितंबर 2025 के अंत तक, SBI का CAR 14.62% और CET-1 11.47% था, जो उनके लक्ष्यों के करीब है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्षों में अच्छा लाभ कमाने के बावजूद, उनका कैपिटल अनुपात कई बैंकों से कम है। उनका लक्ष्य 15% CAR और 12% CET-1 हासिल करना है, जो भविष्य की आवश्यकताओं और मजबूत कैपिटल स्तर को सुनिश्चित करता है। पिछले चार-पांच वर्षों में लाभ बढ़ने के कारण उनका कैपिटल भी बढ़ा है, और उनके पास हमेशा 6 से 7 ट्रिलियन रुपये का ग्रोथ-सपोर्टिंग कैपिटल रहा है।
कैपिटल अनुपात का महत्व
कैपिटल अनुपात बढ़ाने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बैंक के पास पर्याप्त सुरक्षा बफर हो। SBI ने 100 लाख करोड़ रुपये का यह स्तर हासिल किया है, जिसमें बैंक के कुल दिए गए लोन और कुल जमा दोनों शामिल हैं। शाखाओं की संख्या और कुल लोन के हिसाब से SBI देश का सबसे बड़ा बैंक है।
गुरुवार को, बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 100 अरब डॉलर से ऊपर चला गया, और वह एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल और ICICI बैंक जैसे बड़े समूह में शामिल हो गया। मंगलवार को SBI ने सितंबर 2025 की तिमाही में 10% सालाना बढ़त के साथ 20,160 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। यह रिटेल, एग्रीकल्चर और MSME लोन में वृद्धि और यस बैंक में हिस्सेदारी बेचने से हुए लाभ के कारण हुआ। सितंबर 2025 तक, बैंक के कुल लोन 44.20 लाख करोड़ रुपये और कुल जमा 55.92 लाख करोड़ रुपये थे।
